Guwahati News: असम के मशहूर गायक और बॉलीवुड कलाकार जुबीन गर्ग का निधन हो गया है। उनके देहांत की खबर से पूरे देश के प्रशंसकों को गहरा सदमा लगा है। कमरकुची गांव में उनके अंतिम संस्कार के लिए इतनी बड़ी भीड़ उमड़ी कि इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इस मौके पर मौजूद रहकर गायक को श्रद्धांजलि दी।
पार्थिव शरीर को कमरकुची स्थित श्मशान घाट तक लाखों लोगों ने कंधा देकर पहुंचाया। यह भीड़ इतनी विशाल थी कि इसे दुनिया के चौथे सबसे बड़े अंतिम संस्कार के रूप में देखा जा रहा है। माइकल जैक्सन और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय जैसी हस्तियों के अंतिम संस्कार के बाद ही इतनी बड़ी भीड़ देखने को मिली है। इस घटना ने जुबीन गर्ग के लोगों के दिलों में बसे प्यार को दर्शाया।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था सुनिश्चित की। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सभी अनुष्ठानों की निगरानी की। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भी गायक को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम सरमा ने यह भी आश्वासन दिया कि लोगों के लिए विशेष स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अंतिम दर्शन में शामिल हो सकें।
Zubeen Garg का अंतिम सफर
गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दूसरा पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद जुबीन गर्ग के पार्थिव शरीर को अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ले जाया गया। वहां से उन्हें अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया। इस यात्रा में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचे थे। सड़कों पर उमड़े जनसैलाब के कारण यह दृश्य अत्यंत मार्मिक बन गया।
गायक के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित दस बीघा के एक भूखंड पर समाधि दी गई। इस जगह को विशेष रूप से इसके लिए चुना गया था। इस पूरे प्रक्रिया में पारिवारिक सदस्यों और सरकारी अधिकारियों ने मिलकर काम किया। इस तरह असम ने अपने सबसे चहेरे संगीतकार को अंतिम विदाई दी।
जुबीन गर्ग ने असमिया संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने बॉलीवुड में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके गाने आज भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पचपन साल की उम्र में उनका अचानक चले जाना संगीत जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए यह समय बेहद दुखद है।
उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या ने एक रिकॉर्ड बना दिया। यह घटना असम के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी। जुबीन गर्ग का संगीत हमेशा उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा रहेगा। उनका योगदान सदैव सराहा जाता रहेगा।
