Bihar News: तमिलनाडु में मजदूरों पर जानलेवा हमले की फर्जी खबर को लेकर चंपारण पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की कुंडली जानेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। यह पहली बार नहीं है कि मनीष कश्यप जेल की हवा खाकर आए हों।
यह पहली बार नहीं है कि मनीष कश्यप जेल की हवा खाकर आए हों। कई बार उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। आइए जानतें हैं आखिर यूट्यूब चलाने के पीछे मनीष कश्यप का एजेंडा क्या है? कब-कब और किन-किन मामलों में हो चुकी है गिरफ्तारी…
यूट्यूब चलाने के पीछे मनीष कश्यप का एजेंडा
यूट्यूब चलाने के पीछे मनीष कश्यप (Manish Kashyap) का एजेंडा पूरी तरह से राजनीतिक है। आप देखते होंगे अक्सर वह गांव के छोटे-छोटे मुद्दे या तो राजनीतिक मुद्दे ही उठाता है। लोगों के साथ धरना प्रदर्शन में भी भाग लेता है। बिहार सरकार के संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बोलता है। बता दें कि मनीष कश्यप ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था।
नामांकन पत्र पर मनीष (Manish Kashyap) ने अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ बताया था, जो उनका असली नाम है। जानकारी के मुताबिक, मनीष खुद को ‘बिहार का बेटा’ बताते हैं। इस चुनाव में उसे 15 हजार से अधिक वोट मिले थे जिसके बाद से ही वह यूट्यूब के जरिए बिहार में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करने लगा। कई बार तो लोगों से मुख्यमंत्री बनाने के लिए भी अपील कर चुका है। मनीष कश्यप का कहना है कि अगर बिहार के लोग उसे मुख्यमंत्री बनाते हैं तो वह बिहार का विकास सबसे तेजी से करेंगे।
मनीष कश्यप कई बार जा चुके जेल
फरवरी 2019 में कश्मीरी दुकानदारों को लाठी-डंडे से पीटा था
साल 2019 के फरवरी महीने में मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने कश्मीरी दुकानदारों को लाठी-डंडे से पीटा था। पुलवामा हमले के अगले दिन पटना के एक मार्केट में 20 लोगों ने कश्मीरी दुकानदारों को पीटा था जिस मामले में मनीष कश्यप की गिरफ्तारी हुई थी।
बिहार के बेतिया में मूर्ति से तोड़फोड़
जनवरी 2019 में बेतिया में अस्पताल में किंग एडवर्ड-VII की मूर्ति को कुछ लोगों ने तोड़ दिया था जिसके बाद मनीष कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया था। बेतिया मामले में मनीष कश्यप पर सोशल मीडिया पर उकसावे वाले वीडियो साझा कर हिंसा फैलाने के आरोप लगे थे।