सलूणी। तीन माह पहले सियुल खड्ड में मृत मिले युवक की हत्या के मामले में पकड़े गए चार लोगों का पुलिस शिमला में फोरेंसिक लैब में पॉलीग्राफ टेस्ट करवाएगी। नौ दिन तक इन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा।
टेस्ट की प्रक्रिया वीरवार को शुरू हो गई है जो 25 नवंबर तक चलेगी। इसमें फोरेंसिक एक्सपर्ट चारों लोगों से हत्या के संबंध में पूछताछ करेंगे। पूछताछ के दौरान उनका झूठ पकड़ने के लिए पॉलीग्राफ मशीन मुख्य भूमिका निभाएगी। मृतक के परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ हत्या का शक जाहिर किया है। इसके चलते पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है लेकिन पुलिस की पूछताछ में शक के आधार पर पकड़े गए आरोपी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं।
पुलिस को भी उन्हें हत्यारा साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले लेकिन परिजनों की ओर से बार-बार हत्या का शक जाहिर करने पर पुलिस ने आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने पहले अदालत से अनुमति ली, तब जाकर चारों को पुलिस की निगरानी में पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए शिमला भेजा गया।
किहार थाने की टीम चारों को दो दिन पहले शिमला लेकर रवाना हुई थी। वीरवार को फोरेंसिक लैब में पहले दिन उनसे पूछताछ की गई। पॉलीग्राफ एक ऐसी मशीन होती है जिसका इस्तेमाल झूठ पकड़ने के लिए होता है। ज्यादातर इसका उपयोग पुलिस किसी अपराधी से सच उगलवाने के लिए करती है। पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन को लाई डिटेक्टर के नाम से भी जाना जाता है।
युवक की मौत को लेकर परिजन और ग्रामीण किहार थाने के बाहर चक्का जाम भी कर चुके हैं। उनका आरोप है कि अंतिम बार मृतक इन चारों लोगों के साथ देखा गया था। ऐसे में युवक की हत्या के पीछे इनका हाथ हो सकता है। फिलहाल मामले का सच पता करने के लिए पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए चार लोगों को पुलिस की निगरानी में शिमला भेजा गया है। 25 नवंबर तक उनका फोरेंसिक प्रयोगशाला में टेस्ट चलेगा। उसकी रिपोर्ट आने पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।