Uttar Pradesh News: बहराइच में एक कथावाचक को पुलिस द्वारा सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) देने का मामला तूल पकड़ गया है। नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना पर Yogi Adityanath सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे संविधान पर खुला हमला करार दिया है। आजाद ने सोशल मीडिया पर सीएम और यूपी पुलिस को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक देश है।
संविधान के अपमान का आरोप
चंद्रशेखर ने अपनी पोस्ट में लिखा कि राज्य किसी धर्म की जागीर नहीं है। कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर देना सिर्फ गलती नहीं है। यह संविधान के खिलाफ है। उन्होंने Yogi Adityanath के शासन पर निशाना साधते हुए इसे खतरनाक परंपरा बताया। सांसद के मुताबिक, सलामी राष्ट्र और शहीदों के सम्मान में दी जाती है। किसी धर्मगुरु का रुतबा बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग गलत है।
सीएम योगी से पूछे सवाल
आजाद ने सीधे Yogi Adityanath को टैग करते हुए संविधान की याद दिलाई। उन्होंने अनुच्छेद 15 और 25-28 का हवाला देते हुए कहा कि राज्य का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने पूछा कि कथावाचक किस संवैधानिक पद पर हैं? क्या अब धार्मिक पहचान ही नया प्रोटोकॉल बन गया है? सांसद ने आरोप लगाया कि प्रशासन अब संविधान के बजाय धार्मिक सत्ता के आगे झुक रहा है।
पुलिस ने दी अपनी सफाई
इस विवाद के बढ़ने के बाद पुलिस ने अपना पक्ष रखा है। पुलिस का कहना है कि कड़ी ट्रेनिंग के कारण 28 जवानों ने इस्तीफा दे दिया था। पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को बुलाया गया था। पुलिस का तर्क है कि यह कार्यक्रम जवानों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए आयोजित किया गया था। हालांकि, Yogi Adityanath सरकार पर विपक्ष के हमले जारी हैं।