World News: साल 2025 अब विदा लेने की कगार पर है। यह साल अपने पीछे कई अच्छी और बुरी यादें छोड़ जा रहा है। इस वर्ष दुनिया ने कई भीषण संघर्ष देखे। इन लड़ाइयों ने वैश्विक सुरक्षा के समीकरण ही बदल दिए। भारत-पाकिस्तान सीमा से लेकर मिडिल ईस्ट तक तोपें गूंजीं। कई इलाकों में हालात युद्ध जैसे बन गए। यहाँ हम आपको साल 2025 के 5 बड़े युद्ध के बारे में बता रहे हैं। इन घटनाओं ने दुनिया पर गहरी छाप छोड़ी है।
भारत का पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’
मई 2025 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अचानक बढ़ गया। भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। इसके तहत पाकिस्तान पर मिसाइल हमले किए गए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला थी। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई थी।
भारत ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया। इसके अलावा मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के कैंप भी नष्ट किए गए। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की कोशिश की। चार दिन तक दोनों सेनाओं में तनातनी रही। आखिरकार 10 मई को सीजफायर घोषित किया गया।
इजराइल और ईरान के बीच सीधी जंग
इजराइल ने 13 जून 2025 को ईरान के खिलाफ बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया। यह दोनों देशों के बीच साल का सबसे बड़ा संघर्ष था। इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकानों पर बमबारी की। यह हमला दो साल से चले आ रहे प्रॉक्सी वॉर का नतीजा था।
इस युद्ध में अमेरिका ने भी एंट्री ली। अमेरिकी सेना ने ईरान के उन ठिकानों को उड़ाया, जिन्हें इजराइल नष्ट नहीं कर पा रहा था। यह भीषण लड़ाई 12 दिनों तक चली। 24 जून को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में खूनी संघर्ष
साल के अंत में अक्टूबर महीने में एक और नया मोर्चा खुला। पाकिस्तान ने काबुल में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेता नूर वली महसूद को निशाना बनाया गया। यह स्ट्राइक खैबर पख्तूनख्वा में हुए हमले के जवाब में थी।
अफगानिस्तान ने इस हमले का कड़ा जवाब दिया। इस लड़ाई में 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। वहीं, 9 अफगान सैनिकों की भी जान गई। फिलहाल दोनों देश सीजफायर पर राजी हैं, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।
कांगो और थाईलैंड में भी भड़की हिंसा
जनवरी 2025 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में हिंसा भड़की। रवांडा समर्थित M23 बागियों ने गोमा शहर पर हमला किया। 27 जनवरी को बागियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया। अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद वहां शांति समझौता हो सका।
दूसरी तरफ, 24 जुलाई 2025 को थाईलैंड और कंबोडिया आपस में भिड़ गए। यह विवाद एक प्राचीन मंदिर को लेकर था। इस झड़प में 38 लोगों की मौत हुई। लगभग 3 लाख लोग बेघर हो गए। यूएन और मलेशिया की मदद से 28 जुलाई को यहां सीजफायर लागू हुआ।
