New Delhi News: साल 2025 भारतीय स्टार्टअप जगत के लिए मिला-जुला रहा है। इस साल जहां 11 नई कंपनियों ने सफलता के झंडे गाड़े, वहीं कई दिग्गज कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह साल स्टार्टअप की दुनिया में बड़े बदलावों का गवाह बना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 नए यूनिकॉर्न बनने से देश में इनकी कुल संख्या 73 हो गई है। हालांकि, नए कानूनों ने गेमिंग सेक्टर की कमर तोड़ दी है।
नई कंपनियों ने दिखाया दम
साल 2025 में स्टार्टअप इकोसिस्टम में बड़ा उछाल देखने को मिला। कुल 11 कंपनियों ने एक अरब डॉलर (यूनिकॉर्न) का वैल्यूएशन हासिल किया। इन नए यूनिकॉर्न्स में Ai.tech, Navi Technologies, Rapido और Netradyne शामिल हैं। इसके अलावा Jumbotail, DarwinBox, Vivriti Capital, Veritas Finance, Moneyview, Juspay और Drools ने भी यह मुकाम पाया। खास बात यह है कि अब केवल ई-कॉमर्स ही नहीं, बल्कि एआई और फिनटेक सेक्टर में भी स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। Ai.tech ने तो महज 3 साल में 1.5 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन हासिल कर लिया।
सबसे अमीर यूनिकॉर्न कौन?
वैल्यूएशन के मामले में इस साल भी पुराने खिलाड़ियों का दबदबा रहा। Zerodha 8.2 बिलियन डॉलर के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद Razorpay और Lenskart का नंबर आता है। इनका वैल्यूएशन 7.5 बिलियन डॉलर के करीब है। Groww ने भी 7.0 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन के साथ अपनी पकड़ मजबूत रखी है। टॉप-10 की लिस्ट में Zepto, OfBusiness, InMobi और Meesho जैसे स्टार्टअप भी शामिल हैं। यह दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी फिनटेक और कंज्यूमर सर्विस पर कायम है।
गेमिंग कंपनियों पर गिरा कानून का गाज
साल 2025 में कुछ बड़े स्टार्टअप अर्श से फर्श पर आ गए। अगस्त 2025 में सरकार ने ‘ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ पास किया। इस कानून ने रियल-मनी गेम्स (RMG) पर प्रतिबंध लगा दिया। इसका सीधा असर Dream11, Games24x7 और MPL जैसी बड़ी कंपनियों पर पड़ा। इन कंपनियों का यूनिकॉर्न स्टेटस छिन गया है। कानून के तहत इनके विज्ञापन और बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी गई है। Zupee और WinZO Games जैसी कंपनियों की वैल्यूएशन में भी भारी गिरावट आई है।
6000 से ज्यादा स्टार्टअप हुए बंद
सफलता की कहानियों के बीच एक कड़वा सच भी सामने आया है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 6,385 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप आधिकारिक रूप से बंद हो चुके हैं। सबसे ज्यादा 1,200 कंपनियां महाराष्ट्र में बंद हुईं। इसके बाद कर्नाटक में 845 और दिल्ली में 737 स्टार्टअप बंद हुए हैं। मंत्री ने बताया कि फंड की कमी और कमजोर बिजनेस मॉडल इसके मुख्य कारण हैं।
बदल रहा है निवेश का तरीका
साल 2025 ने निवेशकों को नया सबक दिया है। अब निवेशक केवल वैल्यूएशन के पीछे नहीं भाग रहे हैं। उनका ध्यान अब स्थिरता और सही बिजनेस मॉडल पर है। इस साल एआई, लॉजिस्टिक्स और पेट-फूड जैसे नए क्षेत्रों में यूनिकॉर्न बने हैं। रियल-मनी गेमिंग पर हुए एक्शन ने यह साफ कर दिया है कि रेगुलेशन का पालन करना कितना जरूरी है। स्टार्टअप इकोसिस्टम अब ज्यादा परिपक्व और सतर्क हो गया है।
