शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

विश्व स्ट्रोक दिवस 2025: स्ट्रोक के बाद जल्दी रिकवरी के लिए अपनाएं ये 5 जरूरी टिप्स

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Health News: आज पूरी दुनिया में विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को स्ट्रोक की रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूक करना है। स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल स्थिति है जो ब्रेन अटैक के नाम से भी जानी जाती है।

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते। सही समय पर इलाज और उचित देखभाल से रोगी जल्दी ठीक हो सकता है। इससे दोबारा स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है।

रीहैबिलिटेशन पर दें ध्यान

फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ यतीश बंसल के अनुसार रीहैबिलिटेशन सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें विशेषज्ञों की एक टीम मिलकर काम करती है। फिजियोथेरेपिस्ट शरीर की ताकत और गतिशीलता पर ध्यान देते हैं। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट रोजमर्रा के कामों में मदद करते हैं।

स्पीच थेरेपिस्ट बोलने और निगलने में आने वाली दिक्कतों को दूर करते हैं। रोगी के परिजनों को इन सत्रों में नियमित रूप से शामिल होना चाहिए। इससे रोगी की रिकवरी तेजी से होती है। वह अपनी क्षमताओं को फिर से हासिल कर पाता है।

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दवाओं का पालन करें

डॉक्टर के निर्देशानुसार सभी दवाएं समय पर लेनी चाहिए। रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना जरूरी है। इससे दोबारा स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं बंद नहीं करनी चाहिए।

किसी भी नई दवा को डॉक्टर से पूछे बिना नहीं लेना चाहिए। नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर जांच करवानी चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी सभी पैरामीटर पर नजर रखनी चाहिए। इससे रोगी का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

स्वस्थ आहार अपनाएं

भोजन में फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन लेने चाहिए। नमक और चीनी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। संतृप्त वसा से परहेज करना फायदेमंद रहता है।

स्वस्थ आहार से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। वजन भी संतुलित बना रहता है। यह दिल के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। पोषक तत्वों से भरपूर आहार रिकवरी में मदद करता है।

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शारीरिक गतिविधि जारी रखें

थेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए व्यायाम नियमित रूप से करने चाहिए। हल्के व्यायाम से संतुलन और समन्वय में सुधार होता है। घर को फिसलन मुक्त और सुरक्षित बनाना चाहिए। इससे गिरने का खतरा कम हो जाता है।

सक्रिय रहने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। रोजाना की गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार आता है। शारीरिक गतिविधि से मूड भी अच्छा रहता है। यह समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

स्ट्रोक के बाद अवसाद और चिंता की समस्या आम है। परिवार और दोस्तों का सहयोग महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सक या सहायता समूहों से बात करनी चाहिए। भावनात्मक समर्थन से रिकवरी में मदद मिलती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। सकारात्मक सोच और मनोरंजन के साधन अपनाने चाहिए। तनाव से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। यह समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

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