Bissau News: बांग्लादेश और नेपाल के बाद अब एक और देश में तख्तापलट की खबर ने दुनिया को चौंका दिया है. पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी-बिसाऊ में सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है. यह घटना World News में चर्चा का विषय बनी हुई है. सेना ने राष्ट्रपति उमरू सिसोको एम्बालो को हिरासत में ले लिया है. सैन्य अधिकारियों ने सरकारी टेलीविजन पर देश की कमान संभालने का ऐलान किया है. यह विद्रोह राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने से ठीक एक दिन पहले हुआ.
राष्ट्रपति भवन में गूंजी गोलियां
सैनिकों ने बुधवार दोपहर राष्ट्रपति भवन को चारों तरफ से घेर लिया. वहां गोलीबारी की तेज आवाजें भी सुनाई दीं. सैनिकों ने राष्ट्रपति एम्बालो को उनके कार्यालय से ही गिरफ्तार कर लिया. एम्बालो ने फोन पर अपनी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया. सेना ने खुद को ‘व्यवस्था बहाली कमांड’ घोषित किया है. उनका आरोप है कि सेना प्रमुख ने ही यह साजिश रची है.
सेना ने संविधान और चुनाव रोके
सेना के प्रवक्ता ने गिनी-बिसाऊ की सारी ताकत अपने हाथ में लेने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि कुछ नेता और ड्रग माफिया देश को अस्थिर कर रहे थे. विद्रोहियों ने संसद को भंग कर दिया है. चुनाव प्रक्रिया को भी तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है. देश की सभी सीमाएं और हवाई क्षेत्र बंद हैं. सेना ने अगले आदेश तक कड़ा कर्फ्यू लगा दिया है.
आजादी के बाद से जारी है संघर्ष
यह देश 1974 में पुर्तगाल से आजाद हुआ था. तब से गिनी-बिसाऊ कई बार तख्तापलट का गवाह बन चुका है. मौजूदा राष्ट्रपति 2020 में सत्ता में आए थे. 23 नवंबर को हुए चुनाव में उन्होंने जीत का दावा किया था. आधिकारिक नतीजे गुरुवार को आने वाले थे, लेकिन सेना ने उससे पहले ही खेल बिगाड़ दिया. संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है.
