First Day of Monsoon Session: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे साथ राहत पैकेज मांगने दिल्ली चलो, हौसला नहीं है तो हमसे लो। अधिकार लेने के लिए डरो मत।
सदन में सीएम सुक्खू ने जयराम पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सीधे बोलें कि हमको दिल्ली जाने ले लिए डर लगता है। हम बात नहीं कर सकते। जब तक विशेष पैकेज नहीं आया तो कोई केंद्रीय सहायता नहीं मिली। हम अपने स्तर पर पैकेज देंगे। आपका दायित्व है कि केंद्र से विशेष पैकेज मांगे। आप डबल इंजन सरकार की बात करते थे। यह आपदा भुज भूकंप, केदारनाथ आपदा और जोशीमठ त्रासदी से भी बड़ी है।
इन्हीं की तर्ज पर हिमाचल की इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए। विपक्ष सदन में लौटा तो बोले कि अच्छा हुआ कि भाजपा विधायक प्रस्ताव पेश करने के समय आ गए। मुख्यमंत्री ने इसके बाद सदन में हिमाचल प्रदेश की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की सिफारिश में प्रस्ताव रखा। सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का यह कहना सही नहीं है कि मानसून को लेकर पहले बैठक नहीं हुई, जबकि यह जून में हो चुकी थी। सीएम ने सदन में हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का सरकारी संकल्प प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों से भी संकल्प का समर्थन करने का आग्रह किया।
बच्चों ने गुल्लक तोड़कर दी मदद, भाजपा विधायक एक माह का वेतन नहीं दे पाए
सुक्खू ने कहा कि भाजपा विधायकों ने तो एक महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया है। यही लोग कहते रहे कि आपदा के चलते मानसून सत्र बुलाओ, पर अब सहयोग नहीं कर रहे हैं। बच्चों ने भी गुल्लक तोड़कर मदद की। वर्तमान आपदा के कारण राज्य के संसाधन गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश को एक राहत पैकेज की तुरंत आवश्यकता है। इससे पूर्व कभी ऐसी आपदा नहीं हुई।
गडकरी ने जो कहा – उसमें अभी तक कुछ नहीं आया
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को राहत के लिए हेलिकॉप्टर जो दिए, उसके 36 करोड़ अभी देने हैं, इन्होंने नहीं दिए हैं। वे रिलीफ के लिए हमने मांगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जो कहा – उसमें से अभी तक कुछ नहीं आया है। 10 करोड़ राज्य सरकार ने खुद एनएच के लिए दिया।
जयराम के इलाके में लकड़ियां निकलीं, पर मैंने कोई इंक्वायरी नहीं करवाई : सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि जब रेंजर ने कहा कि कहीं से लकड़ियां आई हैं तो उनको बताया कि पता कर लो। इंक्वायरी कोई नहीं करवाई। सुक्खू ने यह बात थुनाग में बहकर आई लकड़ियों के बारे में कही।
अगर केंद्र ने ही सब कुछ करना है तो आप लोग किसलिए हैं : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि अगर केंद्र ने ही सब कुछ करना है तो आप लोग किसलिए हैं। क्या यह सच नहीं है कि केंद्र ने यह नहीं कहा है कि इससे ज्यादा नहीं देंगे। यूपीए-वन और टू ने क्या दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि पारछू आया तो भी क्या मिला। सबसे ज्यादा मदद मोदी सरकार के वक्त में मिली। किसी की जिंदगी फंसी तो हेलिकॉप्टर दिए। जयराम बोले कि किसी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कानूनी प्रावधान ही नहीं है। उलझाने की ज़रूरत नहीं है। बरसात आने से पहले एक समीक्षा बैठक होती थी, जो मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अलर्ट किया जाता था। पर यह बैठक नहीं हुई। बैठक हुई होती तो तैयारियां ठीक होती। तंबू तब खरीदे, जब आपदा आई। विधायक ने तंबू मांगे तो नाचन में एफआईआर हुई। यह गलत है, इसे विदड्रा करना चाहिए।
सोमवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर वार करते हुए कहा कि 180 करोड़ एक बार, 180 दूसरी बार और 190 करोड़ और दिए हैं। उसके बाद एनडीआरएफ ने 200 करोड़ दिए हैं। जरूरत अभी और है। जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें सारी जानकारी है। अभी आकलन होने में वक्त लगेगा। वे केंद्रीय मंत्री गडकरी को हिमाचल लाए। चंडीगढ़ से लोक निर्माण मंत्री को साथ ले गए। उन्होंने 400 करोड़ दिए। गडकरी सारे एनएच, फोरलेन ही नहीं, इनसे जुड़ी सड़कें भी बनाएंगे। 6000 करोड़ रुपये के मकान मंजूर किए। फिर भी कह रहे हैं कि कुछ नहीं दिया। आनुपातिक दृष्टि से देखें। ज़्यादा मदद मिली है। यूपीए के वक्त में कितनी मदद मिली है, इसे देखें। केंद्र से और मदद का मामला उठाया गया है।
मैं यह नहीं कह रहा कि मुख्यमंत्री की वजह से आपदा आई : जयराम
जयराम बोले, मैं यह नहीं कह रहा कि मुख्यमंत्री की वजह से आपदा आई है। यह प्रकृति का संकेत है। लंबे समय से कोताही हो रही है। प्रकृति ने सुधर जाने और संभल जाने का संकेत दिया है। मानसून खत्म नहीं हुआ है। अभी भी सचेत रहने की जरूरत है।
बलवीर वर्मा ने रजनीश किमटा को घेरा, सुक्खू ने किया बचाव
आपदा को लेकर चर्चा में भाग लेते हुए चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा के निशाने पर चौपाल से कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश रहे। वर्मा ने कहा कि वे वार्ड का चुनाव नहीं जीत सकते। अगर किसी का डंगा लगाया जाना है तो किमटा से पूछा जाता है। जब वे बोलेंगे, तभी लगेगा। उन्होंने कहा कि आपदा भगवान ने दी है, मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक आपने दी है। आप हिमाचल के मुखिया हैं। इसके आप भी दोषी हैं। अगर चुनाव में पूरी ताकत लगाऊंगा, सिक्योरिटी जब्त होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि आपके जिला शिमला के सात विधायक आपको स्वर्ग लोक दिखाते रहते हैं, मैं आपको पृथ्वीलोक दिखाता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि रजनीश किमटा के कहे बगैर मनरेगा में भी डंगे नहीं लग रहे हैं। वे मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठते हैं।
अधिकारियों के साथ प्रधानों को प्रताड़ित कर रहे हैं। जिनके मकानों को नुकसान हुआ उन्हें 1.30 लाख और जिनके डंगा लग रहे उन्हें दो-दो लाख दे रहे हैं। वह अपने चहेतों को पैसा बांट रहे हैं और भाजपा समर्थितों को नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि कांग्रेस नेता विकास कार्य कर रहे हैं तो इसमें आपत्ति क्या है। जिन्हें नहीं मिला है उन्हें भी दिया जाएगा। किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। आपदा पर चर्चा हो रही है, अगर पीड़ा तो तो मेरे चैंबर में आकर बात करें। वहीं, रजनीश ने अपने बयान में कहा कि बलवीर वर्मा चौपाल को दीमक की तरह खत्म कर रहे हैं। ढाई माह से लोगों के बीच नहीं गए हैं। सीएम के दौरे के दौरान भी वह गायब रहे। इन्हें जनता जवाब देगी।
कटोरे शब्द को लेकर घिरे अनिरुद्ध
बलवीर वर्मा ने मुख्यमंत्री के चौपाल दौरे के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध द्वारा कटोरा लेकर आने के शब्द को गलत बताते हुए इसे अपमानजनक बताया। इस पर विपक्ष ने भी उन्हें घेरने का प्रयास किया। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने इसे गलत बताया। अनिरुद्ध सिंह ने इसकी सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बेहतर कार्य करने और चौपाल दौरे के दौरान सब कुछ देने के बावजूद ये कहना कि कुछ नहीं किया उन्हें उचित नहीं लगा। वहीं चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि अनिरुद्ध सिंह आप पंचायती राज संभालों, बेड़ा गर्क हो गया है।