West Bengal News: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया को लेकर बवाल मच गया है। ‘बीएलओ अधिकार रक्षा मंच’ ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। काम के भारी दबाव और हाल ही में हुई सहकर्मियों की मौत के विरोध में बीएलओ (BLO) सोमवार को आयोग के दफ्तर का घेराव करेंगे। बीएलओ के संगठन ने दावा किया है कि काम के तनाव के कारण अब तक कई जानें जा चुकी हैं।
कॉलेज स्ट्रीट से निकलेगी विशाल रैली
बीएलओ अधिकार रक्षा मंच ने सोमवार को कॉलेज स्ट्रीट से रैली निकालने का ऐलान किया है। यह जुलूस दोपहर 12 बजे शुरू होगा और सीईओ (CEO) कार्यालय तक जाएगा। प्रदर्शनकारी वहां अनिश्चितकालीन धरना देने की योजना बना रहे हैं। इस आंदोलन को धार देने के लिए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि डिजिटल काम के अत्यधिक बोझ ने स्थिति को भयावह बना दिया है।
आत्महत्या और बीमारी की खबरों से तनाव
बीते शनिवार को नदिया जिले में बीएलओ रिंकू तरफदार का शव उनके घर में फंदे से लटका मिला था। पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें चुनाव आयोग के काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं, दक्षिण 24 परगना में बीएलओ कमल नस्कर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार का कहना है कि कमल डेटा अपलोड करने के लिए रात 3 बजे तक जागते थे।
टीएमसी ने आयोग पर उठाए सवाल
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि ड्यूटी के दौरान तनाव से अब तक 14 मौतें हो चुकी हैं। इसके अलावा 3 लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोशल मीडिया पर पूछा कि इस प्रक्रिया में अभी और कितनी जान जाएंगी? टीएमसी ने आरोप लगाया है कि आयोग अमानवीय तरीके से काम करवा रहा है।
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी के आरोपों को खारिज कर दिया है। बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने बीएलओ रिंकू तरफदार की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि कथित सुसाइड नोट फर्जी हो सकता है। बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए चुनाव आयोग को निशाना बना रही है।
