West Bengal News: पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की जांच में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य की वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी मिली है। आयोग को 1.67 करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड में गलतियां मिली हैं। इसमें उम्र और माता-पिता के नाम को लेकर अजीब मामले सामने आए हैं। यह खुलासा एसआईआर (SIR) प्रक्रिया के दौरान हुआ है। इन आंकड़ों ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। चुनाव आयोग अब इन रिकॉर्ड्स की बारीकी से जांच कर रहा है।
पिता की उम्र 15 साल से भी कम
चुनाव आयोग के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। पश्चिम बंगाल में 85 लाख मतदाताओं के पिता के नाम में गड़बड़ी है। रिकॉर्ड के मुताबिक, 11 लाख 95 हजार 230 मतदाताओं के पिता की उम्र 15 साल से भी कम है। इतना ही नहीं, 3 लाख 29 हजार लोग 40 साल से कम उम्र में दादा बन गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि 24 लाख मतदाताओं के 6-6 बच्चे हैं। यह आंकड़े किसी भी तरह से गले नहीं उतर रहे हैं।
लाखों लोगों के माता-पिता का नाम एक
जांच में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। राज्य में करीब 13.5 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनके माता और पिता का नाम एक ही है। कई जगह जो नाम पिता का है, वही माता के कॉलम में भी लिखा है। इन गलतियों ने वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोग ने इन अजीबोगरीब गलतियों को गंभीरता से लिया है। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को शुद्ध करने का काम चल रहा है।
भाजपा ने बताया बड़ा फर्जीवाड़ा
इस खुलासे के बाद विपक्ष ने ममता सरकार पर हमला बोल दिया है। भाजपा प्रवक्ता देवजीत सरकार ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी व्यवस्था फर्जीवाड़े से भरी है। भाजपा का कहना है कि कम उम्र में पिता बनने वाले रिकॉर्ड दरअसल ‘भूतिया वोटर’ हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष का दावा है कि यह सब चुनाव में धांधली के लिए किया गया है।
