West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में एक बूथ लेवल ऑफिसर ने आत्महत्या कर ली। महिला BLO रिंकू तरफदार ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया के दौरान खुदकुशी की। मौके से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने चुनाव आयोग को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है। इस घटना ने पूरे राज्य में चर्चा शुरू कर दी है।
रिंकू तरफदार कृष्णानगर के षष्ठी तलाई इलाके की निवासी थीं। वह चापरा थाना क्षेत्र के बंगालझी इलाके में बूथ नंबर 202 की BLO थीं। अपने आखिरी नोट में उन्होंने लिखा कि अगर BLO काम नहीं कर पाए तो प्रशासनिक दबाव आएगा। यह दबाव वह सहन नहीं कर पा रही थीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जताया दुख
इस मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह जानकर गहरा सदमा लगा कि कृष्णानगर में एक और BLO ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि रिंकू तरफदार ने अपने आखिरी नोट में चुनाव आयोग को दोषी ठहराया।
ममता बनर्जी ने सवाल किया कि इस SIR के लिए और कितनी जानें जाएंगी। उन्होंने कहा कि अब स्थिति वाकई चिंताजनक हो गई है। इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया में काम कर रहे अधिकारियों पर पड़ रहे दबाव को फिर से चर्चा में ला दिया है।
क्या है SIR प्रक्रिया?
SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत राज्य में मतदाता सूची का गहन सत्यापन किया जा रहा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पात्र मतदाता सूची में शामिल हों और अपात्र मतदाता सूची से हटाए जाएं। इस प्रक्रिया में BLO घर-घर जाकर फॉर्म वितरित कर रहे हैं।
बूथ लेवल ऑफिसर मतदाताओं के दस्तावेज सत्यापित कर रहे हैं। यह प्रक्रिया चार नवंबर 2025 को शुरू हुई थी। यह लगभग एक महीने तक चलेगी। चार दिसंबर 2025 तक BLO घर-घर जाकर SIR फॉर्म भरेंगे। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
बढ़ रहा है BLO पर दबाव
इस प्रक्रिया के दौरान BLO पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है। उन्हें निर्धारित समय में लक्ष्य पूरा करना होता है। रिंकू के सुसाइड नोट में इसी प्रशासनिक दबाव का जिक्र किया गया है। वह इस दबाव को सहन नहीं कर पाईं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि BLO लगातार काम के बोझ तले दबे हुए हैं। उन्हें लगातार घर-घर जाना पड़ रहा है। दस्तावेजों की जांच करनी पड़ रही है। समय सीमा के भीतर काम पूरा करना मुश्किल हो रहा है। इससे मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मौके से मिले सुसाइड नोट को सबूत के तौर पर सुरक्षित कर लिया गया है। पुलिस संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
