India News: मौसम विभाग ने उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। 16 और 17 नवंबर को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि ला नीना के प्रभाव से इस सर्दी का असर लंबे समय तक रह सकता है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पहले ही तापमान में significant गिरावट दर्ज की गई है। कई पहाड़ी इलाकों में तापमान माइनस में पहुंच गया है। हिमाचल के ऊना जिले में शनिवार को 28.2 डिग्री maximum तापमान दर्ज किया गया। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी रात के समय ठंड काफी बढ़ गई है।
ला नीना का प्रभाव
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ला नीना पूरी दुनिया के मौसम पर असर डाल रहा है। यह भूमध्य सागर से उठने वाले बर्फीले तूफानों को मजबूत बनाता है। इसके कारण हवा प्रशांत महासागर के गर्म पानी को धकेलती है। इससे मौसम में बदलाव आता है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में ला नीना का सबसे अधिक प्रभाव जनवरी 2026 में दिखेगा। यह प्रभाव मार्च तक बना रह सकता है। इसका मतलब है कि इस साल सर्दी लंबे समय तक रह सकती है। वसंत ऋतु देर से आ सकती है।
दक्षिण भारत में बारिश जारी
उत्तर भारत में ठंड बढ़ने के साथ ही दक्षिण भारत में बारिश का दौर जारी है। दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय है। श्रीलंका के दक्षिणी क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवाती प्रसार नमी का परिवहन बढ़ा रहा है।
इसके कारण तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश की आशंका है। तटीय आंध्र प्रदेश और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी किया है।
राज्यवार मौसम स्थिति
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कई जिलों के लिए शीतलहर अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के कुछ जिलों में भी ठंड बढ़ने की संभावना है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान में अभी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत में तापमान में कमी देखी जा रही है। हालांकि यहां शीतलहर की संभावना नहीं है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में दिन में हल्की धूप से राहत मिलती है। रात के समय ठंड काफी बढ़ जाती है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा। रात के तापमान में और गिरावट आ सकती है। दिन का तापमान सामान्य से नीचे बना रह सकता है। लोगों को ठंड से बचाव की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल सर्दी जल्दी शुरू हो गई है। इसका असर फरवरी के अंत तक रह सकता है। ला नीना के कारण उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की अधिक संभावना है। इससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है।
