North India News: उत्तर भारत के मौसम में अचानक तेज बदलाव देखने को मिल रहा है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में भारी गिरावट आई है। इसके चलते पहाड़ी और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। अधिकांश राज्यों में शीतलहर और घने कोहरे ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। इससे वहां के दैनिक जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों के लिए अगले कुछ दिनों में और ठंड बढ़ने की चेतावनी जारी की है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हालात
हिमाचल प्रदेश मेंइस समय गहन ठंड और शुष्क मौसम की स्थिति है। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। शिमला स्थित मौसम केंद्र ने आगामी पांच से सात दिसंबर के बीच भविष्यवाणी की है। चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के ऊपरी क्षेत्रों में हल्की वर्षा और बर्फबारी की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर की कश्मीर घाटी में भीषण सर्दी पड़ रही है। श्रीनगर का न्यूनतम तापमान माइनस चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह में पारा माइनस नौ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। कारगिल में तापमान माइनस 7.8 डिग्री और नुब्रा घाटी में माइनस 7.6 डिग्री दर्ज हुआ। पहलगाम में भी तापमान शून्य से नीचे चला गया।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग केनवीनतम अपडेट के अनुसार दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह बदलाव आया है। पहाड़ी क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी की संभावना और बढ़ सकती है। वहीं मैदानी राज्यों में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर जारी रहने वाला है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती गतिविधियां इसके लिए जिम्मेदार हैं।
पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान और झारखंड में शीतलहर का प्रभाव बना रहेगा। उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्सों में अगले चौबीस घंटे तक तापमान में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं आएगा। लेकिन अगले चार दिनों के भीतर तापमान में तीन से चार डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।
मैदानी क्षेत्रों पर प्रभाव
पूर्वी,मध्य और पूर्वोत्तर भारत में अगले दो दिनों तक तापमान में और गिरावट आने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार-पांच डिग्री कम बना हुआ है। घने कोहरे के कारण सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो रहा है। लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं।
राजस्थान के कई हिस्सों में भी सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है। यह ठंड का प्रकोप कृषि कार्यों को भी प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की उचित देखभाल करें। शीतलहर के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। डॉक्टर बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं।
