New Delhi News: विपक्ष के बहिष्कार ऐलान के बाद नए संसद भवन के उद्घाटन मसले पर तीखी हुई रार। राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराए जाने की विपक्ष की मांग के बीच प्रधानमंत्री ने तंज कसा है। तीन देशों की यात्रा के बाद स्वदेश लौटने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को हालांकि सीधे-सीधे इस मामले का जिक्र नहीं लिया, लेकिन कहा, ‘चुनौतियां बड़ी हैं। चुनौतियों को चुनौती देना मेरे स्वभाव में है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के नेता जानते हैं कि वह जो कहते हैं वह भारत के 140 करोड़ लोगों की आवाज है। विदेशों में टीके भेजने के सरकार के फैसले की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘याद रखिए, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है। हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं, हम करुणा से प्रेरित लोग हैं।’ मोदी ने कहा कि देश में हुई 150 से अधिक बैठकों में जी-20 प्रतिनिधि स्वागत से बहुत प्रभावित हुए हैं।
उधर, भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पवित्र ‘राजदंड’ (सेंगोल) को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई ‘सोने की छड़ी’ कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की। भाजपा सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘सेंगोल को जो गौरव मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गया।’ सेंगोल को राष्ट्र के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और इसे विशेष अवसरों पर निकाला भी जाएगा। भाजपा नेता ने कहा, ‘अब यह ‘राजदंड’ बनाम विपक्ष है।’ चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले इस ऐतिहासिक ‘राजदंड’ को 28 मई को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये संसद भवन का लोकार्पण किया जाएगा।
सरकार के अहंकार से संसदीय प्रणाली ध्वस्त: कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, संसद जनता द्वारा स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है। राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है। आपकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है।’ कांग्रेस की इस टिप्प्णी से एक दिन पहले ही 19 विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के फैसले की घोषणा की। उधर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को करना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘एक व्यक्ति के अहंकार और स्व-प्रचार की इच्छा ने प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नयी दिल्ली में संसद के नए भवन के उद्घाटन के उनके संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ‘अशोक द ग्रेट, अकबर द ग्रेट, मोदी द इनॉग्यरेट।’
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। अधिवक्ता जया सुकीन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है, ‘प्रतिवादी भारतीय संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं।’ याचिका में कहा गया, ‘प्रतिवादी (लोकसभा सचिवालय और केंद्र) राष्ट्रपति को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।’