Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद जल शक्ति विभाग ने त्वरित कार्रवाई की है। विभाग ने 5805 प्रभावित जलापूर्ति योजनाओं में से 5440 को अस्थाई रूप से बहाल कर दिया है। यह कुल प्रभावित योजनाओं का 95 प्रतिशत है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी दिन-रात कार्य कर जनता को राहत पहुंचा रहे हैं।
जल शक्ति विभाग की उपलब्धि
जल शक्ति विभाग ने विपरीत परिस्थितियों में उल्लेखनीय कार्य किया है। प्रदेश में संचालित 10,067 जलापूर्ति योजनाओं में से 5805 भारी बारिश से प्रभावित हुई थीं। इनमें 3210 लिफ्ट, 335 ट्यूबवेल और 6522 ग्रेविटी आधारित योजनाएं शामिल हैं। विभाग ने तत्परता दिखाते हुए 5440 योजनाओं को चालू कर दिया। उप-मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के समर्पण को प्रेरणादायक बताया। यह कार्य जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करता है।
नुकसान का आकलन
भारी बारिश से जलापूर्ति योजनाओं जल शक्ति विभाग को 434.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, 1293 सिंचाई योजनाओं को 101.67 करोड़, 43 बाढ़ सुरक्षा कार्यों को 19.77 करोड़, 83 सीवरेज योजनाओं को 23.55 करोड़ और 319 हैंडपंपों को 81.52 लाख रुपये का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, 7543 योजनाओं को 580.30 करोड़ रुपये की क्षति हुई। विभाग इनके स्थायी बहाली के लिए कार्यरत है।
सरकार की प्राथमिकता
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं और सीवरेज योजनाओं की बहाली सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। सरकार जनता को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी प्रभावित योजनाओं को शीघ्र स्थायी रूप से बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। कर्मचारियों को हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है।
कर्मचारियों का योगदान
जल शक्ति विभाग के कर्मचारी दिन-रात फील्ड में कार्य कर रहे हैं। उनकी मेहनत से प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं की बहाली संभव हुई। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनके योगदान को महत्व देती है। विभाग की तत्परता से जनता को राहत मिली है। सभी प्रभावित योजनाओं को जल्द से जल्द पूरी तरह चालू करने के लिए प्रयास जारी हैं। सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
