Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव पर मतदाता पहचान पत्र विवाद ने सियासी हलचल मचा दी। उन पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र रखने का आरोप है। तेजस्वी ने दावा किया कि उनका नाम मसौदा मतदाता सूची से हट गया। चुनाव आयोग ने इसे खारिज करते हुए उनके नाम की मौजूदगी की पुष्टि की। इस मामले में जाँच शुरू हो गई है।
तेजस्वी का दावा और प्रेस कॉन्फ्रेंस
तेजस्वी ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनके मतदाता पहचान पत्र (RAB2916120) की खोज में ‘कोई रिकॉर्ड नहीं’ मिला। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि उनका नाम मतदाता सूची में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है। उनका वैध EPIC नंबर RAB0456228 है, जिसके साथ उन्होंने 2015 और 2020 के चुनाव लड़े। तेजस्वी का दावा सवालों के घेरे में है।
आयोग की जाँच और फर्जी नंबर का शक
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दिखाए मतदाता पहचान पत्र नंबर RAB2916120 को रिकॉर्ड में नहीं पाया। आयोग को शक है कि यह नंबर फर्जी हो सकता है। यदि यह साबित होता है, तो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कार्रवाई होगी। आयोग अब राजद कार्यालय से अन्य फर्जी पहचान पत्रों की जाँच कर रहा है। चुनाव आयोग ने इस मामले में गहन जाँच के आदेश दिए हैं।
विपक्ष का हमला और आरोप
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू नेता नीरज कुमार ने तेजस्वी पर मतदाता पहचान पत्र घोटाले का आरोप लगाया। चौधरी ने इसे ‘चुनावी धोखाधड़ी’ बताया और कड़ी जाँच की माँग की। नीरज कुमार ने IPC की धारा 171एफ के तहत मामला दर्ज करने और तेजस्वी के वोटिंग अधिकार निलंबित करने की बात कही। इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है।
