Business News: वोडाफोन आइडिया के शेयर में सोमवार को शानदार तेजी देखने को मिली। शेयर की कीमत में 7.48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 10.34 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। यह उछाल सुप्रीम कोर्ट में हुई एक अहम सुनवाई के बाद आई है। कंपनी ने दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए अतिरिक्त एजीआर शुल्क को रद्द करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को केंद्र सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में माना है। अदालत ने कहा कि वह केंद्र सरकार के पुनर्विचार करने में कोई बाधा नहीं देखती। इस फैसले के बाद शेयर बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ गया। उन्हें कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं।
एजीआर विवाद की पृष्ठभूमि
वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग के उस दावे को चुनौती दी थी जिसमें 2016-17 तक की अवधि के लिए 5,606 करोड़ रुपये के अतिरिक्त एजीआर शुल्क की मांग की गई थी। एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू वह आय है जिसके आधार पर टेलीकॉम कंपनियां सरकार को लाइसेंस फीस देती हैं।
13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर तक के लिए टाल दी थी। इसके बाद सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने अपना रुख स्पष्ट किया। अदालत का यह फैसला कंपनी के लिए राहत भरा साबित हुआ है।
सरकार का रुख और हितधारक
केंद्र सरकार ने पहले ही कहा था कि वह कंपनी के साथ समाधान निकालने के प्रयास कर रही है। सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया की लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह स्थिति सरकार को कंपनी का प्रमुख हितधारक बनाती है।
वोडाफोन आइडिया ने अदालत से दूरसंचार विभाग को निर्देश देने की मांग की थी। कंपनी चाहती है कि विभाग 3 फरवरी 2020 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए एजीआर शुल्क का पुनर्मूल्यांकन करे। इस मांग पर अब सरकार विचार करेगी।
एजीआर मामले का इतिहास
सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 93,520 करोड़ रुपये के एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल की समयसीमा दी थी। अदालत ने कंपनियों को 31 मार्च 2021 तक कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत भुगतान करने का आदेश दिया था।
बाकी रकम 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2031 तक वार्षिक किस्तों में चुकानी थी। इस फैसले ने टेलीकॉम क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर गहरा असर डाला था। विशेष रूप से वोडाफोन आइडिया के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई थी।
एजीआर परिभाषा में बदलाव
पहले एजीआर की परिभाषा में टेलीकॉम और गैर-टेलीकॉम दोनों तरह की आय शामिल थी। सितंबर 2021 में सरकार ने नियमों में बदलाव किया और नॉन-टेलीकॉम आय को एजीआर गणना से बाहर कर दिया। इससे टेलीकॉम ऑपरेटरों के वित्तीय बोझ में कमी आई।
इस बदलाव का सकारात्मक प्रभाव कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर पड़ा। वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को इससे काफी राहत मिली। अब ताजा फैसले के बाद कंपनी के भविष्य को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं।
बाजार की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाजार ने तेजी का रुख अपनाया। वोडाफोन आइडिया के शेयर में 7.48 प्रतिशत की उछाल देखी गई। यह बढ़त कंपनी के लिए एक सकारात्मक संकेत है। निवेशकों को लग रहा है कि कंपनी को वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिलेगी।
वोडाफोन आइडिया के शेयर ने 10.34 रुपये का स्तर छू लिया। यह कीमत पिछले कई हफ्तों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह राहत कंपनी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
सरकार के पास अब इस मामले पर पुनर्विचार करने का अवसर है। केंद्र सरकार कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी रखती है इसलिए उसका रुख नरम हो सकता है। वोडाफोन आइडिया के लिए यह फैसला अस्तित्व का मामला बना हुआ है।
टेलीकॉम उद्योग में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए वोडाफोन आइडिया का बाजार में बने रहना जरूरी है। सरकार भी इस बात को समझती है कि तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों का बाजार में बने रहना उपभोक्ताओं के हित में है। इसलिए समाधान की संभावनाएं मजबूत हैं।
