शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Vladimir Putin: रूसी राष्ट्रपति ने की भारत की स्वतंत्र नीति की तारीफ, जानें अमेरिकी दबाव के खिलाफ क्या दी चेतावनी

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Moscow News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और चीन की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ये देश किसी का पक्ष नहीं लेते और न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए भारत की स्वतंत्र नीति को रेखांकित किया। यह टिप्पणियां अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत द्वारा रूसी तेल खरीद जारी रखने के संदर्भ में आई हैं।

पुतिन ने गुरुवार को वल्दाई चर्चा समूह में दिए अपने भाषण में स्पष्ट किया कि भारत ने अमेरिका के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत के लोग राजनीतिक नेतृत्व के फैसलों पर कड़ी नजर रखते हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जो देश के हित में न हो। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर रूसी तेल खरीद बंद करने के दबाव के बीच आया है।

तेल की कीमतों को लेकर चेतावनी

रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि भारत द्वारा रूसी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करने पर नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। इससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। पुतिन ने जोर देकर कहा कि यह कदम सभी पक्षों के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

पुतिन ने वैश्विक भू-राजनीति पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि बहुपक्षीय विश्व का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि महाशक्तियों के छोटे समूह द्वारा पूरी दुनिया के लिए नियम तय करने के दिन लद गए हैं। रूसी नेता ने दशकों से चली आ रही वैश्विक व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब ऐसी व्यवस्था थोपने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी।

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यूक्रेन संघर्ष पर पुतिन का रुख

यूक्रेन में जारी संघर्ष पर पुतिन ने कहा कि रूस की लड़ाई किसी एक देश से नहीं बल्कि पूरे नाटो से है। उन्होंने आरोप लगाया कि नाटो प्रशिक्षक यूक्रेन में युद्ध अभियानों में सीधे भाग ले रहे हैं। पुतिन ने कहा कि यूरोप में रूस के खिलाफ लड़ाई के लिए विशेष केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया।

रूसी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स समूह की स्थापना में भारत और चीन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि रूस इन देशों का आभारी है। पुतिन के अनुसार, ये देश वास्तव में न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने बहुपक्षवाद को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। यह टिप्पणियां वैश्विक भू-राजनीतिक बदलाव के महत्वपूर्ण दौर में आई हैं।

भारत-रूस संबंधों पर प्रभाव

पुतिन के बयानों को भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में देखा जा रहा है। भारत ने लगातार अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीद जारी रखी है। यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए यह फैसला लिया है। इससे भारत को सस्ता कच्चा तेल मिल रहा है।

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रूसी तेल खरीद को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट रही है। भारत ने हमेशा कहा है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी स्रोतों से तेल खरीदेगा। देश की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन करते हुए भी रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। इससे भारत को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

पुतिन के इन बयानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पश्चिमी देशों ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर समय-समय पर चिंता जताई है। हालांकि, भारत ने अपनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया है। विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह रणनीति देशहित में सही है। इससे भारत की स्वतंत्र छवि मजबूत हुई है।

तेल बाजारों पर पुतिन की चेतावनी को गंभीरता से लिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के आंकड़े दिखाते हैं कि रूसी तेल की आपूर्ति वैश्विक बाजार के लिए महत्वपूर्ण है। किसी भी बड़े व्यवधान से तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है। इससे वैश्विक मुद्रास्फीति पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में भारत की वर्तमान नीति को समझा जा सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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