Moscow News: रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin ने भारत के साथ दोस्ती को नया आयाम दिया है। उन्होंने भारत के साथ हुए एक अहम सैन्य समझौते को संघीय कानून के तौर पर मंजूरी दे दी है। इस फैसले से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग काफी मजबूत होगा। इससे पहले रूसी संसद के दोनों सदनों ने भी इस बिल को पास कर दिया था। Vladimir Putin का यह कदम रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सेना को कैसे मिलेगा फायदा?
भारत और रूस ने इस साल की शुरुआत में पारस्परिक लॉजिस्टिक समर्थन समझौते (RELOS) पर साइन किए थे। अब Vladimir Putin की मंजूरी के बाद यह कानून बन गया है। यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को लॉजिस्टिक मदद देने का रास्ता साफ करता है। इसके तहत भारतीय और रूसी युद्धपोत, विमान और सैन्य दस्ते एक-दूसरे के क्षेत्र में तैनात हो सकेंगे। यह सैनिकों और उपकरणों के रखरखाव को भी आसान बनाएगा।
किन हालातों में लागू होगा समझौता?
रूसी कैबिनेट ने इस समझौते के दायरे को स्पष्ट किया है। यह नियम संयुक्त सैन्य अभ्यास और ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान लागू होगा। इसके अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। Vladimir Putin द्वारा मंजूर इस कानून से युद्धपोतों को एक-दूसरे के बंदरगाहों पर ईंधन और मरम्मत की सुविधा मिलेगी। हवाई क्षेत्र के उपयोग में भी दोनों देशों को अब आसानी होगी।
कब से प्रभावी होगा नया नियम?
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह समझौता भारत और रूस की दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ाएगा। यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा। हालांकि, Vladimir Putin के हस्ताक्षर के बाद भी एक औपचारिकता बाकी है। यह समझौता दोनों देशों द्वारा अनुमोदन पत्रों के औपचारिक आदान-प्रदान के बाद ही पूरी तरह से प्रभावी होगा।
