New Delhi: राष्ट्रपति भवन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में एक भव्य राजकीय भोज का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने रूसी समकक्ष के लिए यह खास दावत दी। इस भोज में व्लादिमीर पुतिन को भारत के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन परोसे गए। यह पुतिन की यात्रा का अंतिम कार्यक्रम था। इसके बाद वह 5 दिसंबर 2025 को मॉस्को के लिए रवाना हो गए।
शाही थाली में परोसे गए ये खास व्यंजन
भोज की शुरुआत दक्षिण भारतीय सूप ‘मुरुंगेलाई चारू’ से हुई। मुख्य भोजन में व्लादिमीर पुतिन को कश्मीरी जायके का अनुभव कराया गया। उन्हें मशरूम और अखरोट की चटनी से बनी ‘गुच्ची दून चेतिन’ परोसी गई। इसके अलावा पनीर के केसरिया रोल और पालक-मेथी का साग भी थाली में सजाया गया। तंदूर में पके भरवां आलू और पीली दाल तड़का ने खाने का स्वाद और बढ़ा दिया। स्टार्टर्स में शिकमपुरी कबाब और झोल मोमो शामिल थे।
रोटियों की टोकरी और मिठाइयां
खाने के साथ रोटियों की एक पूरी टोकरी पेश की गई। इसमें लच्छा परांठा, मिस्सी रोटी, मगज़ नान और बिस्कुटी रोटी शामिल थी। मीठे के शौकीनों के लिए बंगाली मिठाई ‘गुड़ संदेश’ रखी गई थी। सर्दी के मौसम को देखते हुए अंत में गरमा-गरम बादाम का हलवा परोसा गया। व्लादिमीर पुतिन के लिए तैयार इस मेन्यू में कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक का स्वाद शामिल था।
बॉलीवुड धुन और रूसी संगीत का संगम
भोजन के दौरान नौसेना के बैंड ने शानदार संगीत पेश किया। शास्त्रीय कलाकारों ने सरोद, सारंगी और तबला बजाकर माहौल को संगीतमय बना दिया। इस दौरान शाहरुख खान की फिल्म ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ की धुन बजाई गई। व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में रूसी लोक संगीत और ‘द नटक्रैकर सुइट’ की प्रस्तुति भी दी गई। यह शाम दोनों देशों की संस्कृति के मिलन का गवाह बनी।
