शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

विशुद्धानंद महाराज: एक बच्चा पैदा कर उसे विदेश भेजने वाले हिंदू देशद्रोही हैं, उनको फांसी पर चढ़ाओ

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Bharatpur News: जगन्नाथ पुरी के श्री श्री 1008 विशुद्धानंद महाराज ने एक बच्चे की नीति वाले दंपतियों के लिए कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो हिंदू एक ही बच्चा पैदा करते हैं और उसे विदेश भेज देते हैं, वे देशद्रोही हैं। महाराज ने ऐसे लोगों के लिए फांसी की सजा की बात भी कही। यह बयान भरतपुर के पास डीग स्थित श्री जड़खोर गौ धाम में चल रहे गौ महोत्सव में दिया गया।

विशुद्धानंद महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि अगर बच्चे को विदेश भेजना ही है तो कम से कम चार संतानें पैदा करो। उन्होंने बताया कि एक बच्चे को विदेश भेजो, दूसरे को संन्यासी बनाओ या राष्ट्र सेवा में लगाओ और बाकी दो को गृहस्थ जीवन जीने दो। उनके अनुसार यही सही तरीका है जिससे धर्म और संस्कृति दोनों बचे रहेंगे।

महाराज ने जोर देकर कहा कि जो दंपति उनसे आशीर्वाद लेने आते हैं, उनसे वे तभी आशीर्वाद देते हैं जब वे कम से कम तीन बच्चे पैदा करने का वचन लेते हैं। उनका मानना है कि एकल बच्चे की नीति से देश और धर्म दोनों को नुकसान हो रहा है। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक बड़े दिनेश भी मौजूद थे।

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गौ महोत्सव का आयोजन दस दिनों तक चलेगा जिसकी शुरुआत 22 सितंबर को हुई थी। यह आयोजन 1 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें देश भर के कई संतों ने भाग लिया है। इस दौरान रोजाना सुबह 10 बजे से 1 बजे तक भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के बाद अलग-अलग संतों के प्रवचन होते हैं।

आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। विशुद्धानंद महाराज ने लोगों की उस सोच पर सवाल उठाया जिसमें वे बच्चे के विदेश जाने पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि जो बच्चा विदेश चला जाता है वह लौटकर नहीं आता।

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महाराज के अनुसार इससे देश की युवा शक्ति का नुकसान होता है और हमारी सांस्कृतिक विरासत खतरे में पड़ जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धर्म और राष्ट्र का अस्तित्व बचाए रखने के लिए जनसंख्या नियंत्रण की नीतियों पर पुनर्विचार की जरूरत है। उनका कहना था कि समृद्ध भविष्य के लिए परिवार नियोजन के सही तरीके अपनाने चाहिए।

इस आयोजन में आए श्रद्धालुओं ने महाराज के विचारों को गंभीरता से सुना। कई लोगों ने इन बातों से सहमति जताई जबकि कुछ के लिए यह चिंतन का नया विषय था। महोत्सव में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर भी गहन चर्चा हो रही है। संतों ने आधुनिक चुनौतियों के बीच धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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