शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

वीरभद्र सिंह: आठ बार विधायक, पांच बार सांसद, 6 बार बने मुख्यमंत्री; जानें हिमाचल के युगपुरुष की अनकही कहानी

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Himachal News: स्वर्गीय वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे। उन्हें आधुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है। उनका जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पूरी हुई।

वीरभद्र सिंह ने 1962 में महासू लोकसभा क्षेत्र से राजनीतिक जीवन शुरू किया। 1971 में उन्होंने मंडी लोकसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाया। मनमोहन सिंह सरकार में वह केंद्रीय मंत्री के पद पर भी रहे। उनका राजनीतिक सफर छह दशक तक फैला रहा।

असाधारण राजनीतिक करियर

वीरभद्र सिंह आठ बार विधायक चुने गए। वह पांच बार लोकसभा सदस्य रहे। छह बार उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कुल चौदह चुनाव लड़े। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वह चार बार अध्यक्ष भी रहे।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आधुनिक हिमाचल के निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह लगातार चुनाव जीतते रहे। उन्होंने राज्य की राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी।

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शिमला में स्थापित हैं प्रतिमाएं

राजधानी शिमला के रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित है। यहां हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा भी लगी है। लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह की प्रतिमा भी इसी स्थान पर स्थापित की गई है। रिज मैदान कई महान हस्तियों की प्रतिमाओं का घर है।

यहां महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। स्कैंडल प्वाइंट पर लाला लाजपत राय की प्रतिमा लगी है। सीटीओ के पास लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा स्थापित की गई है। चौड़ा मैदान में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा देखी जा सकती है।

पिता की प्रतिमा को लेकर विवाद

वीरभद्र सिंह की प्रतिमा न लगने पर उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह नाराज हो गए थे। वह राज्य सरकार में लोक निर्माण मंत्री के पद पर कार्यरत थे। इस मामले में उन्होंने अपना इस्तीफा तक दे दिया था। यह घटना राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय बनी रही।

विक्रमादित्य सिंह ने अपने पिता की विरासत को सम्मान दिलाने पर जोर दिया। उनका मानना था कि वीरभद्र सिंह के योगदान को उचित सम्मान मिलना चाहिए। इस मामले ने राज्य की राजनीति में काफी हलचल पैदा की। अंततः रिज मैदान में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित की गई।

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पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

शिमला का रिज मैदान पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बना हुआ है। यहां आने वाले सैलानी विभिन्न महान हस्तियों की प्रतिमाओं के साथ फोटो खिंचवाते हैं। विदेशी पर्यटक भी इन प्रतिमाओं के साथ अपनी यादें संजोते हैं। महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ फोटो खिंचवाना सबसे लोकप्रिय है।

रिज मैदान में लगी सभी प्रतिमाएं शिमला की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। ये प्रतिमाएं न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती हैं बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देती हैं। शिमला आने वाला हर पर्यटक इन प्रतिमाओं को देखने अवश्य आता है। यह स्थान शहर की पहचान बन चुका है।

वीरभद्र सिंह की विरासत आज भी हिमाचल प्रदेश में जीवित है। उनके द्वारा शुरू किए गए विकास कार्य आज भी जारी हैं। उनकी प्रतिमा न केवल एक राजनेता बल्कि एक युगपुरुष के रूप में उनकी याद दिलाती है। हिमाचल के लोग आज भी उन्हें प्यार और सम्मान देते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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