Visakhapatnam News: भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इन दिनों अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नजर आ रहे हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में उन्होंने लगातार दो शतक जड़े हैं। अब विशाखापट्टनम में होने वाले तीसरे मैच में भी उनसे एक और शतक की उम्मीद है। इस शानदार प्रदर्शन ने क्रिकेट जगत में एक पुरानी बहस को फिर से जन्म दे दिया है। क्या विराट कोहली अब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों का विश्व रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे?
रिकॉर्ड से कितनी दूर हैं विराट कोहली
विराट कोहली के नाम अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 84 शतक हो चुके हैं। वह सचिन तेंदुलकर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी करने से महज 16 शतक दूर हैं। नया इतिहास रचने के लिए उन्हें कुल 17 शतक और बनाने होंगे। यह लक्ष्य आसान नहीं है, लेकिन विराट कोहली जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसे देखकर फैंस को उम्मीद है। यह सवाल अब हर क्रिकेट प्रेमी के मन में घूम रहा है।
सीमित ओवर्स और संन्यास की चुनौती
हकीकत के धरातल पर यह राह काफी कठिन नजर आती है। यह काम लगभग असंभव तो नहीं, लेकिन बेहद मुश्किल जरूर है। विराट कोहली के पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है। उन्होंने पिछले साल टी20 फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। इस साल वह टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले चुके हैं। अब वह केवल वनडे फॉर्मेट में खेलते हैं। टी20 लीग्स के बढ़ने से वनडे मैचों की संख्या काफी कम हो गई है। उनके पास अब क्रिकेट के 2 से 3 साल ही शेष हैं।
आगामी मैचों का पूरा गणित
वनडे वर्ल्ड कप-2027 तक भारत के शेड्यूल पर नजर डालना जरूरी है। साउथ अफ्रीका सीरीज के बाद टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन वनडे खेलेगी। इसके बाद अफगानिस्तान और इंग्लैंड से भी तीन-तीन मैचों की सीरीज होनी है। भारत को वेस्टइंडीज और श्रीलंका के दौरे पर भी जाना है। अगले साल एशिया कप भी वनडे फॉर्मेट में खेला जाएगा। अगर विराट कोहली 2027 वर्ल्ड कप के फाइनल तक खेलते हैं, तो उन्हें अधिकतम 35 मैच मिल सकते हैं।
क्या हर दूसरे मैच में लगेगा शतक?
यह 35 मैचों का आंकड़ा भी केवल एक अनुमान है। अगर इसे सही मान लिया जाए, तो विराट कोहली को सचिन से आगे निकलने के लिए 16 शतक लगाने होंगे। इसका सीधा मतलब है कि उन्हें हर दूसरे मैच में शतक जड़ना होगा। मौजूदा क्रिकेट में ऐसा करना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। वर्ल्ड कप के बाद उनके खेलने पर भी संशय बना हुआ है। हालांकि, अगर वह खेलते रहे, तो यह मुश्किल लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है।
