शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

खाड़ी देशों का वायरल वीडियो: रेप की सार्वजनिक सजा का डरावना मंजर, लोगों में मचा हड़कंप

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International News: सोशल मीडिया पर खाड़ी देशों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक अपराधी को सार्वजनिक रूप से दर्दनाक सजा दिए जाने का मंजर दिखाया गया है। वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि खुले मैदान में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। सुरक्षा बलों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में यह पूरी प्रक्रिया संचालित हो रही है।

वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में इसको लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देखी जा रही है। दावा किया जा रहा है कि अपराधी ने हत्या या बलात्कार जैसा गंभीर अपराध किया था। सजा का यह तरीका इतना भयावह है कि दर्शकों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। कई लोगों ने इस वीडियो को देखकर सदमा जताया है।

शरिया कानून के तहत सजा का प्रावधान

खाड़ी देशों में शरिया कानून लागू है जो गंभीर अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करता है। इन देशों में माना जाता है कि सख्त सजा से समाज में अपराधों पर नियंत्रण रखा जा सकता है। सार्वजनिक सजा का उद्देश्य दूसरों को सबक देना होता है। यह तरीका अपराध दर को कम करने में प्रभावी माना जाता है।

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वीडियो को फेसबुक पर नसीम हिंदी नामक अकाउंट से साझा किया गया था। इसने कुछ ही समय में लाखों व्यू और हजारों लाइक प्राप्त कर लिए। यूजर्स ने इस पर विविध प्रतिक्रियाएं दर्ज कीं। कुछ लोगों ने इस सजा पद्धति का समर्थन किया तो कुछ ने इसकी कड़ी आलोचना की।

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

कुछ यूजर्स ने कहा कि अपराधियों को माफ करना बेहतर विकल्प होता है। वहीं अन्य का मानना था कि भारत जैसे देशों में अपराधी पैसे देकर बच निकलते हैं। एक यूजर ने लिखा कि वीडियो देखकर उन्हें बीमारी महसूस हो रही है। यह बहस अपराध नियंत्रण के सही तरीकों पर केंद्रित है।

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अधिकारी आमतौर पर ऐसे वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं कर पाते। गलत सूचना और अफवाहों को रोकने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। विभिन्न देशों में सजा के तरीकों में भिन्नता देखी जा सकती है। कुछ देश कोर्ट के माध्यम से न्याय प्रदान करते हैं जबकि अन्य औपचारिक प्रक्रियाएं अपनाते हैं।

इस वीडियो ने लोगों को अपराध और दंड पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या इतनी सख्त सजा उचित है। कानून के माध्यम से न्याय देना कहीं बेहतर विकल्प हो सकता है। यह बहस समाजशास्त्रियों और कानून विशेषज्ञों के बीच जारी है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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