Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिजली विभाग के बहुचर्चित चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में निलंबित पूर्व डायरेक्टर देश राज को बहाल कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जांच में देश राज के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले, जिसके बाद सुक्खू सरकार ने उन्हें उनके मूल विभाग हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड (HPSEB) में वापस भेज दिया। देश राज को अब चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात किया गया है। उन्होंने बुधवार को अपनी नौकरी दोबारा जॉइन कर ली।
देश राज का निलंबन और बहाली
देश राज को हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन (HPPCL) में निदेशक (इलेक्ट्रिकल) के पद पर कार्यरत रहते हुए मार्च 2025 में निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई विमल नेगी की मौत के बाद उनके परिजनों के प्रदर्शन और सीबीआई जांच की मांग के बाद की गई थी। लगभग दो महीने बाद, सरकार ने जांच में प्रगति न होने का हवाला देकर देश राज को बहाल करने का फैसला लिया। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई जांच अभी भी जारी है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
विमल नेगी की संदिग्ध मौत
शिमला में हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च 2025 को लापता हो गए थे। आठ दिन बाद, 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोबिंद सागर झील में मिला। परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या करार दिया और वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। 19 मार्च को परिजनों ने शिमला में HPPCL कार्यालय के बाहर शव के साथ धरना दिया और निदेशक देश राज के साथ तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सीबीआई जांच और हाईकोर्ट का आदेश
विमल नेगी की मौत के मामले में परिजनों ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की थी। राज्य सरकार ने शुरू में इस मांग को ठुकराया, लेकिन मई 2025 में हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जांच में कोई भी हिमाचल कैडर का अधिकारी शामिल नहीं होगा। सीबीआई ने इसके बाद एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया, जो इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।
जांच में क्या सामने आया
मामले की जांच के लिए सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को नियुक्त किया था। उनकी रिपोर्ट में देश राज और तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा पर विमल नेगी को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए गए। रिपोर्ट में पाया गया कि HPPCL के कार्यालय में विषाक्त कामकाजी माहौल था, और देश राज ने नेगी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। हालांकि, सीबीआई जांच में अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है, जिसके आधार पर देश राज को बहाल किया गया।
