Shimla News: हिमाचल प्रदेश विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रामपुर ब्लॉक की पंचायत देवठी में विकास कोष के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया है। पूर्व पंचायत सहायक दिलाराम के खिलाफ 17 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप है। यह मामला 2009 से 2014 के बीच की अवधि से संबंधित है।
68 लाख रुपये में से 17 लाख का अंतर
जांच में पाया गया कि पंचायत के बैंक खाते से 68,22,480 रुपये निकाले गए। इनमें से केवल 51,16,382 रुपये ही वास्तविक विकास कार्यों पर खर्च हुए। 17,06,098 रुपये का भारी अंतर पाया गया। कई विकास कार्य या तो अधूरे पाए गए या फिर जमीनी स्तर पर हुए ही नहीं।
मनरेगा कोष में भी अनियमितता
मनरेगा योजना के तहत जारी 92 लाख रुपये से अधिक की राशि का भी सही हिसाब नहीं मिला। जांच एजेंसी इसकी भी छानबीन कर रही है। आरोप है कि नकदी और पे-इन स्लिप के माध्यम से धन की अनियमित निकासी की गई। यह राशि विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए आवंटित की गई थी।
कई योजनाओं के कोष प्रभावित
अनियमितता वाले कोष में पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना, एमपीलैड, पर्यटन और वीकेवीएनवाई शामिल हैं। इंदिरा आवास योजना, अटल आवास योजना और 13वें वित्त आयोग के कोष भी प्रभावित हुए। संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जारी राशि भी जांच के दायरे में है।
विजिलेंस ने दर्ज किया मामला
विजिलेंस ने आईपीसी की धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(सी) व 13(2) के तहत केस दर्ज किया है। जांच एजेंसी का मानना है कि इतने बड़े स्तर की अनियमितता अकेले पंचायत सहायक नहीं कर सकता। तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
