New Delhi News: एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की है। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 152 वोटों के अंतर से हराया। निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने मंगलवार को चुनाव परिणामों की घोषणा की। इस एकतरफा मुकाबले में कुल 781 सांसदों ने मतदान में भाग लिया।
धनखड़ को कुल 452 प्रथम वरीयता के मत प्राप्त हुए। विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा को 300 वोटों का समर्थन मिला। इस चुनाव में 15 मतपत्र अमान्य पाए गए। यह चुनाव भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए हुआ था।
चुनाव नतीजे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है। विपक्ष ने दावा किया था कि उसके सभी 315 सांसदों ने वोट डाला था। परिणाम बताते हैं कि धनखड़ को विपक्षी सांसदों के वोट भी मिले हैं। इससे क्रॉस-वोटिंग की संभावना जताई जा रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के लिए वोटिंग अनिवार्य नहीं होती। पार्टियां भी आमतौर पर व्हिप जारी नहीं करतीं। सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं। इसीलिए यह चुनाव हमेशा से रोचक रहा है।
पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों में भी अमान्य वोटों की संख्या उल्लेखनीय रही है। 2017 के चुनाव में 11 वोट अमान्य पाए गए थे। 2022 के चुनाव में भी 15 वोट अमान्य हुए थे। इस बार भी अमान्य वोटों की संख्या 15 ही रही।
निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य थे। इनमें राज्यसभा के 245 और लोकसभा के 543 सांसद शामिल थे। लोकसभा में एक सीट और राज्यसभा में छह सीटें खाली हैं। इस कारण मतदान के लिए 781 सांसद पात्र थे।
चुनाव प्रक्रिया संसद भवन में संपन्न हुई। मतदान के बाद मतों की गिनती की गई। निर्वाचन अधिकारी ने औपचारिक रूप से धनखड़ को विजेता घोषित किया। यह जीत एनडीए के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
