Delhi News: एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. मंगलवार को घोषित चुनाव परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. राधाकृष्णन को उम्मीद से 14 अतिरिक्त मत प्राप्त हुए, जिससे क्रॉस वोटिंग की चर्चा तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि विपक्ष के कई सांसदों ने उनके उम्मीदवार को समर्थन दिया.
राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने मतदान के परिणामों की घोषणा की. कुल 767 मत डाले गए, जिनमें से 15 को अवैध घोषित किया गया. राधाकृष्णन को 452 मत प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले. मतदान प्रतिशत 98.2 रहा, जो उच्च सांसदीय भागीदारी दर्शाता है.
क्रॉस वोटिंग पर बहस
भाजपानेता संजय जायसवाल ने दावा किया कि विपक्षी खेमे के लगभग 40 सांसदों ने राधाकृष्णन को वोट दिया. उन्होंने इन सांसदों की “अंतरात्मा की आवाज” का जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के प्रभाव का संकेत बताया. विपक्षी दलों ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, झारखंड और महाराष्ट्र के कुछ विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की हो सकती है. राधाकृष्णन इन दोनों राज्यों के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं. कुछ सूत्रों ने आम आदमी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) पर भी संदेह जताया, लेकिन इन दलों ने आरोपों का खंडन किया है.
मतगणना का गणित
एनडीए के पास 427 सांसदों के मत थे, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने भी राधाकृष्णन का समर्थन किया. इसके बावजूद 452 मत मिलना गणितीय रूप से हैरान करने वाला रहा. इस अंतर ने राजनीतिक विश्लेषकों के लिए नए सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA की एकजुटता पर यह सवाद चिन्ह लगाता है.
बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति और शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव से दूरी बनाई थी. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य हैं, लेकिन वर्तमान में 781 सदस्य ही मतदान करने के पात्र थे. पांच राज्यसभा सीटें और एक लोकसभा सीट रिक्त होने के कारण मतदान संख्या प्रभावित हुई.
उपराष्ट्रपति चुनाव में व्हिप जारी नहीं किया गया था, जिसने सांसदों को अपनी पसंद से वोट डालने की स्वतंत्रता दी. इसने क्रॉस वोटिंग की संभावनाओं को बढ़ा दिया था. डीएमके, टीएमसी और आरजेडी जैसे दल खुलकर विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में थे. फिर भी परिणाम एनडीए के पक्ष में रहा.
