Delhi News: भारत के सत्रहवें उपराष्ट्रपति का चुनाव आज संसद भवन में हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपना मत डाला। इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बी. सुदर्षन रेड्डी आमने-सामने हैं। मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान में सांसद ही भाग लेते हैं। इस चुनाव की खास बात यह है कि इसमें कोई चुनाव चिह्न नहीं होता। साथ ही राजनीतिक दल व्हिप जारी नहीं करते हैं। इसलिए हर सांसद किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र है।
संख्या बल के आधार पर एनडीए की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन को क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है। नतीजे पूरी तरह से वैध मतों पर निर्भर करेंगे। इस चुनाव में तीन दलों ने भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
बीजू डाल, शिरोमणि अकाली दल और बीआरएस ने इस चुनाव से दूरी बना ली है। वहीं एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार का समर्थन किया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने एनडीए के प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत के इतिहास में अब तक केवल चार बार ही उपराष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए हैं। ज्यादातर मामलों में इस पद के लिए चुनाव कराना पड़ा है। यह चुनाव राष्ट्रपति चुनाव से अलग अपना एक विशेष महत्व रखता है।
उपराष्ट्रपति राज्य सभा का सभापति भी होता है। इसलिए इस पद की राजनीतिक और संवैधानिक दोनों ही भूमिका महत्वपूर्ण है। चुनाव के नतीजे देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
वोटिंग प्रक्रिया और महत्व
मतदान संसद भवन में विशेष रूप से बनाए गए बूथ पर हो रहा है। सांसदों को अपना वोट डालने के लिए एक निर्धारित समय दिया गया है। चुनाव आयोग की ओर से पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है।
यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में राजनीतिक माहौल काफी गर्म है। राहुल गांधी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच तीखी बहस चल रही है। बिहार चुनाव और अन्य मुद्दों पर दोनों पक्ष आमने-सामने हैं।
इस पृष्ठभूमि में उपराष्ट्रपति चुनाव को एक राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जोरदार पैरवी की है। अब सबकी नजर मतगणना पर टिकी है।
