National News: एनडीए ने 7 अगस्त 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अहम बैठक की। यह बैठक संसद के समन्वय हॉल में हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी अध्यक्षता की। पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा को उम्मीदवार चुनने का जिम्मा सौंपा गया। चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को मतदान की तारीख तय की। नामांकन 21 अगस्त तक होंगे। यह बैठक गठबंधन में समन्वय के लिए थी।
एनडीए की रणनीति पर चर्चा
एनडीए की बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव की रणनीति बनी। गठबंधन सहयोगियों के बीच तालमेल पर जोर दिया गया। बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू और अन्य नेता शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अपने उम्मीदवार पर सहमति चाहती है। गठबंधन की संसदीय ताकत 425 सांसदों की है। यह संख्या जीत के लिए पर्याप्त है। बीजेपी अनुभवी नेता को चुनना चाहती है।
चुनाव आयोग की अधिसूचना
चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी की। नामांकन 21 अगस्त तक दाखिल होंगे। मतदान 9 सितंबर को होगा। नामांकन संसद भवन के कमरा संख्या आरएस-28 में सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक जमा होंगे। 15,000 रुपये की सुरक्षा राशि अनिवार्य है। रिटर्निंग ऑफिसर राज्यसभा के महासचिव हैं। यह प्रक्रिया संवैधानिक और पारदर्शी होगी।
उम्मीदवार चयन का जिम्मा
बैठक में फ्लोर लीडर्स ने प्रस्ताव पास किया। पीएम मोदी और जेपी नड्डा उम्मीदवार चुनेंगे। बीजेपी अनुभवी और वैचारिक नेता चाहती है। जेडीयू और टीडीपी का समर्थन जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण भारत या पूर्वोत्तर से उम्मीदवार हो सकता है। गठबंधन की मजबूत स्थिति है। लेकिन विपक्ष भी एकजुट उम्मीदवार उतारने की कोशिश में है। यह चुनाव रोमांचक होगा।
नामांकन और जांच प्रक्रिया
नामांकन पत्र कमरा संख्या आरएस-28 में जमा होंगे। 21 अगस्त तक कार्यदिवसों में नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। जांच 22 अगस्त को सुबह 11 बजे होगी। मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होगा। यह संसद भवन के कमरा संख्या F-101 में होगा। उम्मीदवार को मतदाता सूची की प्रति देनी होगी। सुरक्षा राशि नकद या बैंक में जमा होगी।
गठबंधन की मजबूत स्थिति
एनडीए के पास 782 में से 425 सांसदों का समर्थन है। यह उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत की गारंटी देता है। बीजेपी अपने दम पर 13 राज्यों में बहुमत रखती है। जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन 2022 से स्थिति बदली है। वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी का समर्थन कमजोर हुआ है। बीजेपी सहयोगियों को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष की चुनौती
विपक्षी INDIA गठबंधन भी उम्मीदवार उतारेगा। कांग्रेस ने अपनी सीटें बढ़ाई हैं। लेकिन एनडीए की तुलना में उनकी ताकत कम है। विपक्ष एकजुट उम्मीदवार पर विचार कर रहा है। 2022 के चुनाव से स्थिति अलग है। बीजेपी के लिए जीत आसान नहीं होगी। विपक्ष की रणनीति भी चर्चा में है। यह चुनाव संसद की कार्यवाही को प्रभावित करेगा।
उपराष्ट्रपति का महत्व
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है। यह संवैधानिक पद संसद की कार्यवाही को निर्देशित करता है। एनडीए मजबूत उम्मीदवार चाहता है। बीजेपी वैचारिक और अनुभवी नेता को प्राथमिकता देगी। बिहार और अन्य राज्यों के चुनाव भी फैसले को प्रभावित करेंगे। उम्मीदवार का चयन गठबंधन की एकता को दर्शाएगा। यह प्रक्रिया भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण है।
