National News: एनडीए उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए जल्द उम्मीदवार घोषित करेगा। पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार चुनने का जिम्मा सौंपा गया। सूत्रों के मुताबिक, 12-13 अगस्त को नाम की घोषणा हो सकती है। गैर-विवादित और संसदीय अनुभव वाले नेता को प्राथमिकता मिलेगी। यह चुनाव जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद हो रहा है।
पीएम मोदी और नड्डा करेंगे अंतिम फैसला
एनडीए ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया। यह फैसला गुरुवार को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी सहयोगी दल पीएम के फैसले को स्वीकार करेंगे। उम्मीदवार की घोषणा 12 अगस्त को हो सकती है। नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है। मतदान 9 सितंबर को होगा।
गैर-विवादित उम्मीदवार पर जोर
बीजेपी सांसदों का कहना है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए गैर-विवादित उम्मीदवार चुना जाएगा। संसदीय प्रक्रियाओं की गहरी समझ जरूरी है। उम्मीदवार को राज्यसभा का संचालन कुशलता से करना होगा। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी पीएम मोदी के विश्वसनीय दायरे से उम्मीदवार चुन सकती है। यह रणनीति गठबंधन की एकजुटता को दर्शाएगी। एनडीए के पास संसद में बहुमत है।
संभावित उम्मीदवारों में कई नाम
मनोज सिन्हा, वीके सक्सेना, रामनाथ ठाकुर और हरिवंश सिंह के नाम चर्चा में हैं। आचार्य देवव्रत और शेषाद्रि चारी भी संभावित उम्मीदवार हैं। मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में स्थिरता लाने में भूमिका निभाई। वीके सक्सेना ने दिल्ली में प्रशासनिक दखल दिया। रामनाथ ठाकुर अति-पिछड़े वर्ग से हैं। हरिवंश सिंह राज्यसभा के उपसभापति हैं।
महिला उम्मीदवार की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ओबीसी वर्ग की पूर्व महिला सांसद को चुन सकती है। यह कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बाद यह दूसरा बड़ा संदेश होगा। हालांकि, मौजूदा या पूर्व राज्यपाल को प्राथमिकता मिलने की संभावना ज्यादा है। पीएम मोदी सरप्राइज उम्मीदवार चुन सकते हैं। यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
चुनाव प्रक्रिया और समयसीमा
चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। नामांकन 21 अगस्त तक दाखिल होंगे। 22 अगस्त को नामांकन की जांच होगी। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है। मतदान 9 सितंबर को होगा। मतगणना उसी दिन होगी। संसद के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करेंगे। गुप्त मतपत्र और एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली होगी।
एनडीए की मजबूत स्थिति
एनडीए के पास संसद में 422 सांसदों का समर्थन है। यह बहुमत के लिए जरूरी 391 से अधिक है। लोकसभा में एनडीए के 293 और राज्यसभा में 129 सांसद हैं। यह स्थिति एनडीए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करती है। विपक्ष भी उम्मीदवार उतार सकता है। लेकिन एनडीए की मजबूत स्थिति के कारण जीत की संभावना अधिक है।
