National News: विपक्षी गठबंधन इंडिया ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में तेलंगाना के पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण मौके पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और लगभग सभी विपक्षी दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे।
खरगे ने किया उम्मीदवार का परिचय
मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को घटक दलों के नेताओं से रेड्डी का औपचारिक परिचय कराया। इस बैठक में टीएमसी, सपा, एनसीपी, आरजेडी, जेएमएम, शिवसेना (यूबीटी) और द्रमुक जैसे दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह बैठक विपक्षी एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित की गई थी।
आज होगा नामांकन दाखिल
बी. सुदर्शन रेड्डी ने आज सुबह 11:30 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वादा और अखिलेश यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनिया गांधी सहित लगभग 80 विपक्षी सांसद नामांकन के प्रस्तावक बने।
खरगे ने बताया वैचारिक संघर्ष
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि यह चुनाव महज एक पद के लिए प्रतियोगिता नहीं है। उन्होंने इसे राष्ट्र की आत्मा और एक वैचारिक संघर्ष की लड़ाई करार दिया। खरगे ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल आरएसएस की विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है जबकि विपक्ष संविधान के मूल्यों का पालन करता है।
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर मंडराता खतरा
खरगे ने आगे कहा कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की अखंडता पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद को विपक्ष की आवाज दबाने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना उचित चर्चा के पारित किए जा रहे हैं।
राउत ने दिखाई विश्वास की उम्में
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने विपक्षी एकजुटता को पूरी तरह से बरकरार बताया। उन्होंने दावा किया कि सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी से एनडीए गठबंधन की हार तय है। राहुल गांधी ने भी रेड्डी को विपक्षी एकता का एक मजबूत प्रतीक बताया।
विपक्ष ने आयोजित किया मॉक पोल
विपक्षी गठबंधन ने 8 सितंबर को एक मॉक पोल आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य सभी सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया से अवगत कराना है। इससे पार्टियों के सांसदों को वोटिंग की प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी।
संविधान संशोधन पर जताया विरोध
बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं ने हालिया संविधान संशोधन विधेयकों पर गंभीर आपत्ति जताई। सांसदों ने आरोप लगाया कि सत्र के अंतिम दिनों में ऐसे विधेयक लाकर संघवाद और संसदीय लोकतंत्र की नींव को कमजोर किया जा रहा है।
