India News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया। एमडीएमके सांसद दुरई वाइको ने इसे चौंकाने वाला बताया और उनके स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा कि सरकार को इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला करना है। उधर, बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस और अन्य दल इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा मान रहे हैं।
धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया
जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद छोड़ा। एमडीएमके सांसद दुरई वाइको ने कहा कि यह फैसला अप्रत्याशित है। उन्होंने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। वाइको ने कहा कि सरकार को यह तय करना है कि इस्तीफा स्वीकार करना है या नहीं। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। उनके इस्तीफे से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। अगले उपराष्ट्रपति पर चर्चा शुरू हो गई है।
बिहार मतदाता सूची विवाद
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और AAP के संजय सिंह ने भी नियम 267 के तहत नोटिस दिया। विपक्ष का कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से गरीब मतदाता प्रभावित होंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी गई है। विपक्ष सरकार से तत्काल चर्चा चाहता है।
विपक्ष का सरकार पर दबाव
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा का आश्वासन मिलने के बाद बिहार मतदाता सूची पर जोर दिया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने स्थगन प्रस्ताव में तुरंत चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह पुनरीक्षण लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करेगा। नौ विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका दावा है कि इससे लाखों गरीब मतदाता वंचित हो सकते हैं। 28 जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।
अन्य स्थगन प्रस्ताव
लोकसभा सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका ने ओडिशा में एक छात्रा के आत्मदाह मामले पर स्थगन प्रस्ताव दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की। बिहार मतदाता सूची के साथ यह मुद्दा भी संसद में उठाया गया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को इन संवेदनशील मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। मानसून सत्र में इन प्रस्तावों से हंगामे की आशंका है। विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है।
