Venezuela Earthquake: उत्तरी-पश्चिमी वेनेजुएला में बुधवार की रात जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र जूलिया राज्य में मेने ग्रांडे समुदाय के पास था और इसकी गहराई महज 7.8 किलोमीटर थी। झटके इतने तेज थे कि लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप के झटके वेनेजुएला के पड़ोसी देश कोलंबिया में भी महसूस किए गए। सीमावर्ती इलाकों के लोगों ने भी झटके महसूस होते ही घरों और दफ्तरों को खाली कर दिया। लोगों में दहशत का माहौल था। हालांकि, अभी तक किसी प्रकार के जानी-माली नुकसान की कोई खबर नहीं है। अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने स्पष्ट किया है कि इस भूकंप से अमेरिका या कनाडा के तटीय इलाकों में सुनामी का कोई खतरा नहीं है। भूकंप आने के दौरान वेनेजुएला के टेलीविजन चैनलों ने अपना सामान्य प्रसारण जारी रखा। इनमें राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का एक कार्यक्रम भी शामिल था।
भूकंप की वजह
भूकंप की घटना पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से जुड़ी है। धरती की सतह नीचे कई बड़ी और छोटी प्लेटें लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं तो ऊर्जा निकलती है। इसी ऊर्जा के कारण धरती हिलती है और हमें भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
हाल में आए अन्य भूकंप
पिछले कुछ समय से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाएं बढ़ी हैं। हाल ही में रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इससे पहले अगस्त महीने में रूस के कुरील द्वीपों में भी झटके दर्ज किए गए थे। तुर्की, म्यांमार और अफगानिस्तान में आए भूकंपों ने भारी तबाही मचाई थी।
वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंपीय गतिविधियों में हो रही यह वृद्धि चिंता का विषय है। हालांकि, अभी तक वेनेजुएला में आए इस भूकंप से बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने की अपील की है। साथ ही उन्हें सतर्क रहने के निर्देश भी दिए हैं।
