Business News: अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए बोली जीती है। अब कंपनी इस डील को पूरा करने के लिए सत्रह हज़ार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है। वेदांता समूह वैश्विक निवेशकों और हेज फंडों से संपर्क कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी ने कुछ विदेशी हेज फंड्स के साथ प्रारंभिक बातचीत शुरू की है। इस फंडिंग की आवश्यकता ऐसे समय में पड़ी है जब जेएएल के लेनदारों ने वेदांता से धन का प्रमाण मांगा है। कंपनी को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से इस अधिग्रहण के लिए मंजूरी मिल चुकी है।
डील की शर्तें और भुगतान
इस समझौते के तहत वेदांता को तीन हज़ार आठ सौ करोड़ रुपये तुरंत देने होंगे। शेष राशि अगले पांच वर्षों में चुकानी होगी। यह डील वेदांता के मौजूदा व्यवसाय से अलग क्षेत्र में है। इसलिए विश्लेषक इसके जोखिमों को लेकर सतर्क हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां इस लेनदेन पर नजर रख रही हैं। उनका कहना है कि वे वेदांता के इस नए przedsięwzięcie और संबंधित जोखिमों का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस डील से वेदांता के व्यवसाय में विविधता आएगी।
व्यवसाय विस्तार के अवसर
इस अधिग्रहण से वेदांता को कई लाभ मिलने की उम्मीद है। जेएएल के पास विस्तृत भूमि भंडार और टाउनशिप परिसंपत्तियां हैं। इससे वेदांता की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। कंपनी की अचल संपत्ति में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
यह डील वेदांता के व्यवसाय को नए आयाम दे सकती है। कंपनी को रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। इससे कंपनी की राजस्व धाराओं में विविधता आएगी। निवेशक इस डील के परिणामों को लेकर उत्सुक हैं।
वित्तीय चुनौतियां और आरोप
पिछले मही ने एक अमेरिकी शोध फर्म ने वेदांता पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कंपनी पर ऑडिट अनियमितताओं का आरोप लगाया था। छिपी हुई देनदारियों और अस्थिर ऋण प्रथाओं के भी आरोप लगे थे।
शॉर्ट सेलर फर्म ने वेदांता पर भारतीय सहायक कंपनियों से नकदी निकालने का आरोप लगाया। उनके अनुसार यह नकदी कर्ज से जूझ रही मूल कंपनी की मदद के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। वेदांता ने इन आरोपों का खंडन किया है।
निवेशकों की प्रतिक्रिया
वेदांता के शेयरधारक इस नई डील को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। बाजार विशेषज्ञ कंपनी की वित्तीय सेहत पर नजर रखे हुए हैं। निवेशकों को इस बात की चिंता है कि नई डील से कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा।
कंपनी के प्रबंधन का कहना है कि यह अधिग्रहण दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि इससे कंपनी की विकास कहानी मजबूत होगी। आने वाले समय में इस डील के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
