Uttar Pradesh News: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ललिता घाट पर बुधवार को एक बड़ा हादसा टला। बीस पर्यटकों से भरी एक नाव गंगा की तेज धारा में फंस गई। नाव के हिचकोले खाने से सवार लोगों में दहशत फैल गई। एनडीआरएफ की टीम ने तत्काल बचाव अभियान चलाया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। यह घटना दोपहर करीब दो बजे की है।
नाव पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटक सवार थे। इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। गंगा की तेज लहरों के बीच नाव का संतुलन बिगड़ने लगा। पानी नाव के अंदर घुसने लगा। पर्यटक हाथ हिलाकर और चीखकर मदद की गुहार करने लगे। घाट पर मौजूद लोग इस दृश्य को देखकर सहम गए।
एनडीआरएफ का त्वरित बचाव अभियान
सौभाग्य से एनडीआरएफ की गश्ती टीम उसी समय गंगा में मौजूद थी। ग्यारहवीं बटालियन के जवानों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उन्होंने अपनी स्पीड बोट्स को फंसी नाव की ओर दौड़ाया। जवानों ने रस्सियों की मदद से नाव को स्थिर करने का प्रयास किया। फिर एक-एक कर सभी बीस पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया।
पूरा बचाव अभियान मात्र बीस से पच्चीस मिनट में पूरा हो गया। सभी पर्यटकों को ललिता घाट पर सुरक्षित उतारा गया। बचाए गए लोगों ने राहत की सांस ली। एक पर्यटक ने कहा कि एनडीआरएफ जवान देवदूत की तरह हैं। दूसरे ने गंगा मां का शुक्रिया अदा किया।
घाट पर जमा लोगों ने की सराहना
बचाव कार्य को देखकर घाट पर जमा भीड़ ने तालियां बजाकर एनडीआरएफ की सराहना की। ललिता घाट और आसपास के घाटों पर मौजूद श्रद्धालु जयकारे लगाने लगे। बचाए गए पर्यटकों ने एनडीआरएफ जवानों को गले लगाकर धन्यवाद दिया। स्थानीय लोगों ने बचाव दल की प्रशंसा की।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि मानसून के बाद गंगा में बहाव तेज रहता है। इसलिए गश्त बढ़ा दी गई है। नाविकों को सलाह दी जाती है कि ओवरलोडिंग न करें। मौसम पर नजर रखना जरूरी है। यह घटना पर्यटकों के लिए सबक है कि नदी यात्रा में सावधानी बरतें।
प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
इस घटना के बाद प्रशासन ने नावों की जांच तेज कर दी है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वाराणसी में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। हर रोज हजारों की संख्या में लोग गंगा घाटों पर आते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।
नाविकों को नदी की स्थितियों के बारे में पहले से जानकारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। एनडीआरएफ की नियमित गश्त जारी रहेगी। पर्यटकों को भी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। यह बचाव अभियान एनडीआरएफ की तत्परता का उदाहरण है।
