New Delhi: संसद में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि आजादी की लड़ाई में भाजपा के पूर्वज कहां थे। गोगोई ने आरोप लगाया कि वंदे मातरम का नारा लगाने से डरने वाले आज देशभक्ति का दावा कर रहे हैं। उन्होंने सरकार की नियत पर भी गंभीर सवाल उठाए।
अंग्रेजों के खिलाफ डर का हथियार
गौरव गोगोई ने कहा कि वंदे मातरम अंग्रेजों के दिल में डर पैदा करने वाला नारा था। यह ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक हथियार था। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा और आरएसएस के पूर्वजों ने कभी इस जज्बे को समझा? इतिहास गवाह है कि उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया था। वे आजादी के संघर्ष से दूर रहे और अंग्रेजों का विरोध करने से बचते रहे।
नागरिकों के अधिकार खतरे में
गोगोई ने कहा कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता है। हमारे पास अलग-अलग भाषाएं हैं, लेकिन हमारा संविधान एक है। आज की सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन रही है। इसमें वोट देने और सरकार से सवाल पूछने का अधिकार शामिल है। वे स्वतंत्र विचारों और प्रेम करने के अधिकार पर भी हमला कर रहे हैं। यह बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के सपनों के खिलाफ है।
फूट डालो और राज करो
कांग्रेस सांसद ने सरकार की तुलना ब्रिटिश शासकों से की। उन्होंने कहा कि अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, लेकिन उनकी सोच आज भी जिंदा है। वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति आज भी अपनाई जा रही है। मौजूदा राजनीतिक ताकतें जनता को बांटने का काम कर रही हैं। सरकार विरोध के हर स्वर को दबाने की कोशिश में लगी है।
