शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

उत्तराखंड न्यूज: श्रीकंठ ग्लेशियर मलबा था धराली आपदा का कारण, वैज्ञानिकों ने दिया स्पष्टीकरण

Share

Uttarakhand News: उत्तरकाशी की धराली और हर्षिल घाटी में 5 अगस्त को आई भीषण आपदा का रहस्य सुलझ गया है। एसडीआरएफ और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) की संयुक्त टीम ने पुष्टि की है कि श्रीकंठ पर्वत के ग्लेशियर से निकला मलबा ही इस तबाही का मुख्य कारण था।

वैज्ञानिकों के अनुसार, लगातार भारी बारिश और तीव्र ढलानों ने ग्लेशियर के मलबे को घाटी की ओर धकेल दिया। यह मलबा करीब 4,800 मीटर की ऊंचाई से खिसककर धराली और आसपास के इलाकों में पहुंचा, जिससे भारी तबाही हुई।

यह भी पढ़ें:  ऑपरेशन सिंदूर 2.0: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी, कहा- "अगली कार्रवाई और भी घातक होगी"

वैज्ञानिक जांच के प्रमुख निष्कर्ष:

  1. ड्रोन फुटेज और सेटेलाइट इमेजरी से पता चला कि बादल फटने की बजाय ग्लेशियर मलबे के खिसकने से आपदा आई
  2. श्रीकंठ पर्वत के बेस क्षेत्र से तीन स्थानों पर भारी जलप्रवाह शुरू हुआ
  3. लगातार बारिश से ग्लेशियर का मोरेन (मलबा) ढीला हो गया था
  4. खीर गंगा नदी में अचानक पानी का वेग बढ़ने से स्थिति विकराल हो गई

एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि टीम ने धराली से 7 किमी ऊपर श्रीकंठ पर्वत तक का निरीक्षण किया। भरसार विश्वविद्यालय के भू-वैज्ञानिक डॉ. एसपी सती ने कहा कि मलबे के अचानक खिसकने से यह आपदा आई।

यह भी पढ़ें:  उपराष्ट्रपति चुनाव: EC ने शुरू की तैयारियां, जल्द आएगा शेड्यूल

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की घटनाओं की संभावना मानसून के दौरान बनी रहती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News