Dehradun News: उत्तराखंड सरकार ने पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए एक बड़ी राहत भरी योजना की शुरुआत की है। राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं की कोचिंग लेने वाले छात्रों को फीस में कम से कम 50 प्रतिशत की छूट देने के निर्देश दिए हैं। इस योजना का उद्देश्य उन मेधावी छात्रों को आर्थिक बोझ से मुक्त करना है जो सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
इस महत्वपूर्ण फैसले पर चर्चा के लिए आयोजित एक बैठक में कोचिंग फीस की रूपरेखा तय की गई। योजना के तहत कोचिंग फीस का 50 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड यानी उपनल वहन करेगा। राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों से और 25 प्रतिशत छूट दिलाने का प्रयास करेगी। इस प्रकार छात्रों को केवल शेष 25 प्रतिशत फीस का भुगतान करना होगा।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कई छात्रों में सेना में शामिल होने की इच्छा होती है। लेकिन महंगी कोचिंग फीस उनके सपनों के आगे एक बड़ी रुकावट बन जाती है। यह निर्णय ऐसे ही प्रतिभाशाली छात्रों की मुश्किलों को कम करने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए लिया गया है। इससे रक्षा सेवाओं में उत्तराखंड के युवाओं की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने की बैठक में शिरकत
इस बैठक में कई वरिष्ठ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, मेजर जनरल ओ.पी. सभरवाल और मेजर जनरल सम्मी सभरवाल जैसे अनुभवी अधिकारी शामिल थे। मेजर जनरल ए.एस. रावत, मेजर जनरल पी.एस. राणा और मेजर जनरल डी. अग्निहोत्री ने भी बैठक में अपने सुझाव साझा किए। उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जे.एन.एस. बिष्ट ने भी इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लिया।
बैठक के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सैन्य अधिकारियों से निर्माणाधीन सैन्यधाम का निरीक्षण करने का अनुरोध किया। उन्होंने अधिकारियों से परियोजना का अवलोकन करने और अपने बहुमूल्य सुझाव देने को कहा। इस पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सहमति जताई और आश्वासन दिया कि वे मंगलवार को सैन्यधाम का दौरा करेंगे। इस निरीक्षण का उद्देश्य परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
युवाओं के सपनों को मिलेगी नई उड़ान
यह योजना उन युवाओं के लिए एक सुनहरे अवसर के समान है जो रक्षा सेवाओं में जाना चाहते हैं। एनडीए और सीडीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी अब उनके लिए सस्ती और सुलभ होगी। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद करेगा बल्कि देश की सुरक्षा में योगदान देने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी करेगा। इससे युवाओं का मनोबल बढ़ेगा।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड इस योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएगा। निगम के प्रबंध निदेशक को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। कोचिंग संस्थानों से बातचीत करने की जिम्मेदारी भी सरकार ने स्वयं ली है। इस पहल से राज्य के युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरणा मिलने की संभावना है।
यह निर्णय राज्य सरकार की सैनिक हितैषी नीतियों को दर्शाता है। इससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को काफी लाभ मिलेगा। आर्थिक बाधाओं के कारण टूटने वाले सपनों को अब पंख लगेंगे। राज्य सरकार का यह प्रयास सराहनीय है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद की जा रही है। यह योजना जल्द ही लागू होगी।
