Uttar Pradesh News: राज्य में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में अब अंतिम चरण शुरू हो गया है। चार दिसंबर तक मतदाताओं को अपने गणना प्रपत्र जमा करने हैं और अब महज दस दिन शेष बचे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने अधिकारियों को प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक फॉर्म जमा कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं के लिए यह अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर ही अंतिम मतदाता सूची तैयार होगी।
इस अभियान के तहत चुनाव आयोग ने मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी में वे मतदाता आते हैं जिनके नाम साल 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं। दूसरी श्रेणी में ऐसे मतदाता शामिल हैं जिनके माता-पिता या दादा-दादी का नाम 2003 की सूची में है। इन दोनों श्रेणियों के मतदाताओं को किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी।
तीसरी श्रेणी के मतदाताओं को नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त बारह दस्तावेजों में से कोई एक प्रमाण पेश करना होगा। इन दस्तावेजों में पासपोर्ट, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र और सरकारी पहचान पत्र आदि शामिल हैं। बिना दस्तावेज जमा कराए मतदाताओं के नाम अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।
राजनीतिक दलों ने नियुक्त किए तीन लाख से अधिक एजेंट
इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई है। दलों ने मिलाकर कुल तीन लाख पचासी हजार सात सौ निन्यानबे बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सबसे अधिक एक लाख छप्पन हजार पंद्रह एजेंट नियुक्त किए हैं। समाजवादी पार्टी ने एक लाख बारह हजार तीन सौ नौ और बहुजन समाज पार्टी ने एक लाख एक सौ उनहत्तर एजेंट तैनात किए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने सोलह हजार पांच सौ अड़तीस बूथ लेवल एजेंट बनाए हैं। इसके अलावा अपना दल और सीपीआई जैसे दलों ने भी सैकड़ों की संख्या में एजेंट नियुक्त किए हैं। ये एजेंट प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और मतदाताओं को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मतदाता सूची जारी होने की समयसीमा
चार दिसंबर को गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि है। इसके बाद नौ दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया जाएगा। नौ दिसंबर से लेकर आठ जनवरी तक का समय दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए निर्धारित किया गया है। इस अवधि में कोई भी मतदाता यदि अपना नाम सूची में नहीं पाता है या कोई त्रुटि पाता है तो वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
सभी दावों और आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद सात फरवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यह सूची अगले चुनावों के लिए आधारभूत दस्तावेज का काम करेगी। इसलिए प्रत्येक मतदाता के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उसका नाम सही विवरण के साथ सूची में दर्ज हो।
चुनाव आयोग की तैयारियां
प्रदेश में कुल एक लाख बासठ हजार चार सौ छियासी बूथ हैं जहां यह प्रक्रिया संपन्न हो रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बूथ स्तर के अधिकारियों का मनोबल बढ़ाएं और उन्हें पूरी तरह प्रशिक्षित करें। शहरी क्षेत्रों में नगर निगम कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटलाइजेशन के कार्य में तेजी लाने पर भी जोर दिया जा रहा है। अब तक प्रदेश में दो करोड़ अठारह लाख से अधिक गणना प्रपत्रों का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। चित्रकूट, औरैया, फिरोजाबाद, मुरादाबाद और सहारनपुर जैसे जिलों ने इस कार्य में उल्लेखनीय प्रगति की है। कम प्रगति वाले जिलों को तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
मतदाताओं के लिए सहायता उपलब्ध
मतदाता चुनाव आयोग की वेबसाइट या ईसीआईनेट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन भी अपना गणना प्रपत्र भर सकते हैं। इसके अलावा बुक ए कॉल विद बीएलओ की सुविधा का उपयोग करके वे अपने बूथ स्तर के अधिकारी से सीधे संपर्क कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए मतदाता टोल फ्री नंबर 1950 पर कॉल कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी मतदाता इस प्रक्रिया से वंचित न रहे, बूथ स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाने के निर्देश दिए हैं। इस डिजिटल प्रक्रिया से एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची तैयार करने में मदद मिलेगी और दोहराव तथा धांधली को रोकने में सफलता मिलेगी।
