Uttar Pradesh News: बाराबंकी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। न्यू पीएचसी बरौंधा में एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस कर्मियों ने हाईवे पर उतार दिया। इसके बाद महिला ने कीचड़ सनी जमीन पर बच्ची को जन्म दिया। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
यह घटना 27 अक्टूबर की रात की है। कोठी खुर्द गांव निवासी अतीक अहमद की पत्नी अरवी बानो को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अतीक ने 102 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। एंबुलेंस महिला को लेकर न्यू पीएचसी बरौंधा के लिए रवाना हुई। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर एंबुलेंस कर्मियों ने महिला को हाईवे पर ही उतार दिया।
महिला को अस्पताल ले जाने के दौरान ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई। कीचड़ सनी जमीन पर ही उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान महिला और नवजात दोनों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया था। मामले की सूचना मिलते ही स्टाफ नर्स माया ने जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया।
सीएमओ ने की तत्काल जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डॉ. सीएल वर्मा ने स्वयं न्यू पीएचसी बरौंधा का निरीक्षण किया। जांच के दौरान चिकित्साधिकारी डॉ. रविराज अनुपस्थित पाए गए। सीएमओ ने लेबर रूम और वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर में बेहतर साफ-सफाई के निर्देश दिए।
सीएमओ ने स्टाफ नर्स माया, स्वास्थ्य कर्मियों और एंबुलेंस चालक से पूछताछ की। स्टाफ नर्स ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों अब स्वस्थ हैं। जांच में यह भी पता चला कि अस्पताल में एएनएम और वार्ड ब्वाय की नियुक्ति नहीं है। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
एंबुलेंस चालक ने डाला दबाव
घटना के बाद पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने का मामला भी सामने आया है। प्रसूता के पति अतीक अहमद ने बताया कि एंबुलेंस चालक उनके घर आए। चालक ने नौकरी चले जाने का हवाला देकर उनसे बयान बदलने को कहा। अतीक ने दबाव में आकर अपना बयान बदल दिया।
एंबुलेंस चालक विनोद यादव ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वह अतीक का बयान लेने उनके घर गए थे। इस बीच एक वीडियो सामने आया है। इसमें कुछ कर्मी एंबुलेंस चालक के बचाव में पीड़ित के घर पहुंचे दिखाई दे रहे हैं।
अस्पताल में कर्मचारियों की कमी
न्यू पीएचसी बरौंधा में गंभीर कर्मचारी संकट है। अस्पताल में चिकित्साधिकारी के अलावा केवल एक फार्मासिस्ट, दो एलटी और एक स्टाफ नर्स की तैनाती है। एएनएम की तैनाती न होने से स्टाफ नर्स को प्रसव का कार्य भी करना पड़ता है।
स्टाफ नर्स माया ने बताया कि अस्पताल में दाई और सफाईकर्मी की नियुक्ति की तत्काल आवश्यकता है। कर्मचारियों की कमी के चलते मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
जांच के दौरान फार्मासिस्ट दशरथ पटेल, एलटी प्रमोद कुमार, स्टाफ नर्स माया और लैब टेक्नीशियन नागेंद्र कुमार मिश्र मौजूद रहे। सीएमओ ने पूरे मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
