शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

अमेरिका-रूस तनाव: ट्रंप के प्रतिबंधों के जवाब में पुतिन ने परमाणु मिसाइलों का किया परीक्षण

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World News: अमेरिका और रूस के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसके जवाब में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु क्षमता का प्रदर्शन किया है। रूस ने इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण की निगरानी स्वयं पुतिन ने की है।

यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब ट्रंप और पुतिन के बीच बुडापेस्ट में प्रस्तावित शिखर वार्ता रद्द हो गई है। दोनों देशों के बीच संबंधों में और गिरावट आई है। रूस ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए स्पष्ट संदेश दिया है। पुतिन ने दिखाया है कि वह अमेरिकी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं।

रूस ने दिखाई परमाणु ताकत

रूस ने अपनी परमाणु क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया है। देश ने जमीन और समुद्र दोनों मोर्चों से मिसाइल परीक्षण किए हैं। रूसी सेना ने यार्स इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल लगभग 23 मीटर लंबी है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

इसके साथ ही रूसी पनडुब्बी ने सिनेवा मिसाइल का भी परीक्षण किया है। ये सभी परीक्षण एक साथ किए गए समन्वित सैन्य अभ्यास का हिस्सा हैं। इस अभ्यास में रूस की जल, थल और वायु सेना शामिल है। पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से इन अभ्यासों की निगरानी की है।

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अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध

अमेरिका ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम रूस पर दबाव बनाने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन रूसी नीतियों के खिलाफ कड़ी रुख अपनाए हुए है। प्रतिबंधों का उद्देश्य रूसी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करना है।

इन प्रतिबंधों का वैश्विक प्रभाव देखने को मिल सकता है। भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ सकता है। अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार में उतार-चढ़ाव की आशंका है। विश्व भर में इन प्रतिबंधों पर चर्चा हो रही है।

शिखर वार्ता हुई रद्द

ट्रंप और पुतिन के बीच बुडापेस्ट में प्रस्तावित शिखर वार्ता रद्द हो गई है। इस वार्ता के रद्द होने से दोनों देशों के संबंधों में नई खटास आई है। रूस ने वार्ता रद्द होने के बाद तुरंत सैन्य प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया दौरा रद्द कर दिया है। इस दौरे के दौरान ट्रंप और मोदी की मुलाकात होनी थी। अब यह मुलाकात नहीं हो पाएगी। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में यह नया मोड़ महत्वपूर्ण है।

रूस ने बढ़ाया सैन्य दबाव

रूस ने यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तेज कर दिया है। इसके साथ ही परमाणु अभ्यासों ने पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा दी है। पुतिन ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन अभ्यासों को सफल बताया है।

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रूस का कहना है कि ये अभ्यास देश की रक्षा क्षमता का नियमित हिस्सा हैं। इन अभ्यासों में रूस की त्रिसेवा परमाणु क्षमता का प्रदर्शन किया गया है। पुतिन ने सेना की तैयारियों की सराहना की है। रूस ने दिखाया है कि वह किसी भी सैन्य चुनौती के लिए तैयार है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

विश्व के विभिन्न देश इस बढ़ते तनाव पर नजर बनाए हुए हैं। यूरोपीय देश विशेष रूप से चिंतित हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा इन संबंधों से सीधे जुड़ी हुई है। नाटो ने रूस के सैन्य प्रदर्शन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

भारत जैसे देशों के लिए यह स्थिति विशेष चुनौतीपूर्ण है। भारत के रूस और अमेरिका दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारत को दोनों पक्षों के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा। अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में यह समय बेहद संवेदनशील है।

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