India News: भारत के मिसाइल परीक्षण की चेतावनी जारी होते ही हिंद महासागर में अमेरिका और चीन के जासूसी जहाजों की मौजूदगी दर्ज की गई है। दोनों देशों के शोध पोत अलग-अलग इलाकों में गश्त कर रहे हैं। चीन का युआन वांग 5 जहाज मलेशिया के बंदरगाह से रवाना होकर हिंद महासागर पहुंचा है।
अमेरिकी जासूसी जहाज ओशन टाइटन भारत के पश्चिमी तट के निकट सक्रिय है। दोनों देश इन जहाजों को समुद्री शोध पोत बताते हैं। लेकिन इनका मुख्य उद्देश्य दूसरे देशों की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखना है। यह गतिविधि भारत के आसन्न मिसाइल परीक्षण के मद्देनजर विशेष महत्व रखती है।
चीनी जासूसी जहाज की विशेषताएं
चीन का युआन वांग 5 जहाज मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग में सक्षम है। यह सितंबर 2025 के मध्य से हिंद महासागर में सक्रिय है। यह जहाज चीन के युआन वांग क्लास निगरानी जहाजों में शामिल है। इसे 2007 में चीनी नौसेना में शामिल किया गया था।
यह जहाज रॉकेट, उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। युआन वांग 5 मलेशिया के पोर्ट क्लैंग में चार दिनों तक रुका था। इसके बाद यह हिंद महासागर के लिए रवाना हुआ। जहाज अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में अपने कार्यों को अंजाम देता है।
अमेरिकी जहाज की तकनीकी क्षमताएं
अमेरिकी जासूसी जहाज ओशन टाइटन 1989 में निर्मित हुआ था। इसका IMO नंबर 8835231 है। जहाज की लंबाई 68.28 मीटर और चौड़ाई 13.11 मीटर है। यह डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित होता है।
ओशन टाइटन वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के लिए विशेष रूप से सुसज्जित है। अमेरिका इस जहाज का इस्तेमाल समुद्री शोध और निगरानी दोनों कार्यों के लिए करता है। जहाज वर्तमान में भारत के पश्चिमी तट के निकट स्थित है।
भारत की मिसाइल परीक्षण तैयारियां
भारत ने बंगाल की खाड़ी में NOTAM यानी नोटिस टू एयरमेन जारी किया है। इस चेतावनी ने 3550 किलोमीटर के दायरे को नो फ्लाई जोन घोषित किया है। इस कदम से संकेत मिलता है कि भारत जल्द ही लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण कर सकता है।
परीक्षण 15 से 17 अक्टूबर के बीच कभी भी होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत किसी नई बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। यह परीक्षण देश की रक्षा तैयारियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिका और चीन दोनों के पास जासूसी जहाजों का व्यापक बेड़ा है। ये जहाज लगातार विभिन्न क्षेत्रों में गश्त लगाते रहते हैं। हिंद महासागर में इनकी मौजूदगी रणनीतिक महत्व रखती है।
भारत के मिसाइल परीक्षण की तैयारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। दुनिया की प्रमुख शक्तियां भारत की रक्षा क्षमताओं पर नजर रखती हैं। यह क्षेत्र में सामरिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
सुरक्षा तैयारियां
भारतीय नौसेना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। समुद्री सीमाओं पर नजर रखी जा रही है। विदेशी जहाजों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी बनाए रखी गई है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे परीक्षणों के दौरान विदेशी जहाजों की मौजूदगी सामान्य बात है। भारत अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परीक्षण करेगा। देश की रक्षा तैयारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
