Madhya Pradesh News: भिंड जिले का सामाजिक तनाव बढ़ता जा रहा है। सुरपुरा गांव में सवर्ण समाज ने महापंचायत कर दलितों के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान किया है। इस महापंचायत में सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और दलितों से सभी संबंध तोड़ने की शपथ ली।
प्रशासन लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
महापंचायत में लिए गए अहम फैसले
महापंचायत में सवर्ण समाज ने एकजुट होकर कई अहम फैसले लिए। दलित समुदाय से सभी सामाजिक संबंध तोड़ने का निर्णय लिया गया। आर्थिक लेनदेन और व्यावसायिक संबंध पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की गई।
सभा में स्पष्ट किया गया कि अब दलितों के साथ कोई लेनदेन नहीं होगा। न ही उनके सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी होगी। इस फैसले ने गांव के सामाजिक तानेबाने को प्रभावित किया है।
पेशाब कांड के बाद बढ़ा तनाव
यह तनाव दलित युवक के साथ हुए पेशाब कांड के बाद बढ़ा है। इस मामले में तीन युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। सवर्ण समाज का दावा है कि आरोपी सोनू बरुआ के परिवार से उनके पुराने संबंध रहे हैं।
महापंचायत में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी ने मामले को जातीय रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाया। उनका कहना है कि संगठन सवर्ण समाज को झूठे मामलों में फंसाकर पैसा वसूलता है।
भीम आर्मी के खिलाफ कानूनी लड़ाई की तैयारी
सवर्ण समाज के प्रतिनिधियों ने भीम आर्मी की गतिविधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जातीय तनाव बढ़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। समुदाय ने एकजुट होकर कानूनी कार्रवाई करने का मन बनाया।
महापंचायत में उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया। उनका मानना है कि संगठन द्वारा उकसाए जाने से सामाजिक सौहार्द प्रभावित हो रहा है।
प्रशासन की सख्ती और सतर्कता
जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया है। एएसपी संजीव पाठक ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। गश्त बढ़ा दी गई है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।
गांव का सामाजिक परिदृश्य बदला
इस महापंचायत के बाद गांव का सामाजिक परिदृश्य बदल गया है। दलित और सवर्ण समुदाय के बीच संबंधों में खटास आ गई है। दोनों समुदाय एक दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं। सामाजिक जीवन प्रभावित हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने बड़े स्तर पर बहिष्कार का फैसला लिया गया है। गांव में चुप्पी छाई हुई है और लोग सतर्क दिखाई दे रहे हैं। प्रशासन की नजर हर गतिविधि पर है।
