शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

यूपीआई पेमेंट: अब स्कूल की फीस जमा करने के लिए डिजिटल तरीका होगा इस्तेमाल, केंद्र सरकार ने जारी किए निर्देश

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National News: केंद्र सरकार ने देशभर के स्कूलों में फीस जमा करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को डिजिटल भुगतान अपनाने का निर्देश दिया है। एनसीईआरटी, सीबीएसई, केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे संस्थानों को यूपीआई और अन्य डिजिटल मोड से फीस लेने की सलाह दी गई है।

इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों और छात्रों को सुविधा प्रदान करना है। अब माता-पिता को स्कूल जाकर लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी। वे घर बैठे ही अपने बच्चों की फीस जमा कर सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और लेन-देन का रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा।

डिजिटल भुगतान के लाभ

पारंपरिक नकद भुगतान प्रणाली में कई समस्याएं थीं। अभिभावकों को स्कूल जाना पड़ता था और लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता था। नए प्रवेश या परीक्षा के समय यह समस्या और बढ़ जाती थी। कई बार रसीद न मिलने या नकदी न होने पर अतिरिक्त परेशानियां आती थीं।

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डिजिटल भुगतान प्रणाली इन सभी समस्याओं का समाधान प्रदान करती है। अभिभावक अपने मोबाइल फोन से कुछ ही मिनटों में फीस जमा कर सकते हैं। लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड उनके पास सुरक्षित रहता है। इससे पारदर्शिता बढ़ती है और स्कूल प्रशासन को भी काम करने में आसानी होती है।

स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश

शिक्षा मंत्रालय ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों को यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग जैसे विकल्प उपलब्ध कराने होंगे। इसके लिए आवश्यक तकनीकी ढांचा विकसित करना होगा। कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देना होगा।

स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों को इस नई व्यवस्था के बारे में जानकारी देनी होगी। कार्यशालाओं और प्रदर्शनों के माध्यम से डिजिटल भुगतान के फायदे समझाने होंगे। इससे अभिभावकों का विश्वास बढ़ेगा और वे आसानी से नई तकनीक अपना सकेंगे।

भविष्य की तैयारी

यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी एकीकरण से कार्यक्षमता बढ़ेगी। छात्रों और अभिभावकों दोनों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। यह विकसित भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। शिक्षा क्षेत्र में नवाचार इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। डिजिटल भुगतान का विस्तार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा। यह समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगा।

सुरक्षा और सुविधा

नई व्यवस्था में सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया है। सभी डिजिटल लेन-देन एन्क्रिप्टेड होते हैं। इससे धोखाधड़ी का खतरा कम होता है। अभिभावकों के बैंक विवरण सुरक्षित रहते हैं। लेन-देन का इतिहास हमेशा उपलब्ध रहता है।

किसी भी समस्या की स्थिति में हेल्पडेस्क सुविधा उपलब्ध होगी। तकनीकी सहायता टीम अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करेगी। स्कूल प्रशासन भी हर संभव सहायता प्रदान करेगा। इससे परिवर्तन चरण को आसानी से प्रबंधित किया जा सकेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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