India News: भारत में यूपीआई पेमेंट को और सुरक्षित बनाने की तैयारी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) जल्द ही बायोमेट्रिक आधारित लेनदेन शुरू कर सकता है। यूजर्स फिंगरप्रिंट या फेसियल रिकग्निशन के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। यह सुविधा पिन की जरूरत को खत्म कर सकती है। एनपीसीआई का लक्ष्य डिजिटल लेनदेन को आसान और सुरक्षित बनाना है। यह कदम धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को रोकने में मदद करेगा।
बायोमेट्रिक की भूमिका
यूपीआई पेमेंट के लिए बायोमेट्रिक तकनीक आधार डेटाबेस से जुड़ेगी। यूजर्स को अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करना होगा। फिंगरप्रिंट या फेसियल स्कैन से लेनदेन की पुष्टि होगी। यह सुविधा पहले आधार-सक्षम पेमेंट प्लेटफॉर्म पर शुरू होगी। बाद में गूगल पे, फोनपे जैसे ऐप्स में भी लागू हो सकती है। एनपीसीआई ने स्टार्टअप्स के साथ मिलकर इस तकनीक को विकसित करने की योजना बनाई है।
सुरक्षा और सुविधा
पिन से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए यह अपडेट महत्वपूर्ण है। यूपीआई पेमेंट में बायोमेट्रिक पहचान से लेनदेन तेज और सुरक्षित होगा। यूजर्स को बार-बार पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आधार डेटाबेस में संग्रहीत बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग होगा। यह तकनीक डिजिटल पेमेंट को और भरोसेमंद बनाएगी। एनपीसीआई का कहना है कि यह सुविधा जल्द ही लागू हो सकती है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
यूपीआई पेमेंट में बायोमेट्रिक अपडेट डिजिटल इंडिया को नई दिशा देगा। यह तकनीक छोटे व्यापारियों और आम यूजर्स के लिए फायदेमंद होगी। पिन भूलने की समस्या खत्म होगी। साथ ही, यह तकनीक डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी को और बढ़ाएगी। भारत में यूपीआई 80% से अधिक डिजिटल लेनदेन का हिस्सा है। इस अपडेट से यूजर्स का भरोसा और बढ़ेगा। एनपीसीआई इस सुविधा को जल्द लागू करने की योजना बना रहा है।
