New Delhi: यूपीआई पेमेंट सिस्टम में एक अक्टूबर 2025 से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें पेमेंट रिक्वेस्ट फीचर को हटाना और ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाना शामिल है। इन बदलावों का मकसद यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाना और बड़े लेन-देन को आसान बनाना है। यह कदम डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और सुरक्षित बनाएगा।
एनपीसीआई ने फिशिंग और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए यह फैसला लिया है। पेमेंट रिक्वेस्ट फीचर के दुरुपयोग की कई शिकायतें मिली थीं। जालसाज इसका इस्तेमाल नकली रिक्वेस्ट भेजने के लिए करते थे। नए नियमों से यूजर्स की सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही बड़ी रकम के लेन-देन की सुविधा भी मिलेगी।
पेमेंट रिक्वेस्ट फीचर होगा बंद
एक अक्टूबर से सभी यूपीआई ऐप्स से पेमेंट रिक्वेस्ट या पीटूपी कलेक्ट फीचर हट जाएगा। अब यूजर्स दोस्तों या रिश्तेदारों से सीधे पैसे नहीं मांग सकेंगे। इस फीचर का इस्तेमाल अक्सर फर्जी रिक्वेस्ट भेजने के लिए होता था। लोगों को ऐसे मैसेज मिलते थे जिनमें उनसे अनजाने में पेमेंट करवा लिया जाता था। नए बदलाव से इस तरह की धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
यूजर्स अब पैसे भेजने के लिए सीधे यूपीआई आईडी या मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर सकेंगे। पैसे मांगने का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। इससे नए यूजर्स को भी पेमेंट करने में आसानी होगी। उन्हें रिक्वेस्ट स्वीकार या रिजेक्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीधे पेमेंट करने की प्रक्रिया ज्यादा सुरक्षित और सरल होगी।
ट्रांजैक्शन लिमिट पांच गुना बढ़ी
यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। यह बदलाव बड़े लेन-देन करने वाले यूजर्स के लिए फायदेमंद होगा। अब लोग बच्चों की स्कूल फीस, मेडिकल बिल या बड़ी खरीदारी आसानी से कर सकेंगे। यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में मदद करेगा। बैंक और पेमेंट ऐप्स इस बदलाव को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
बड़ी रकम के लेन-देन के लिए अभी तक लोगों को चेक या एनईएफटी का सहारा लेना पड़ता था। अब यूपीआई के जरिए पांच लाख रुपये तक का तुरंत ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा। इससे डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ेगा। व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को भी इससे फायदा होगा। वे बड़ी रकम सीधे और सुरक्षित तरीके से प्राप्त कर सकेंगे।
यूपीआई ऑटो-पे सुविधा एक्टिव
एनपीसीआई ने यूपीआई ऑटो-पे सुविधा को भी एक्टिवेट कर दिया है। इसके तहत यूजर्स रिकरिंग पेमेंट्स के लिए ऑटो डेबिट सेट कर सकते हैं। बिजली, पानी, गैस जैसे उपयोगिता बिलों का भुगतान स्वचालित हो सकेगा। इंश्योरेंस प्रीमियम, एसआईपी और लोन की ईएमआई भी ऑटो-पे के जरिए दी जा सकेगी। हर बार ओटीपी दर्ज करने की जरूरत नहीं होगी।
यूजर्स एक बार ऑथराइजेशन देकर नियमित भुगतान सेट कर सकते हैं। इससे भुगतान में देरी की समस्या खत्म होगी। लेट पेमेंट चार्ज से बचा जा सकेगा। ऑटो-पे सुविधा के लिए यूजर्स को अपने पेमेंट ऐप में जाकर सेटिंग्स में जाना होगा। वहां से वे रिकरिंग पेमेंट्स ऑथराइज कर सकते हैं। इससे फाइनेंशियल डिसिप्लीन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
