शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

यूपीआई: भारत ने डिजिटल भुगतान में रचा इतिहास, वीजा को भी पछाड़ा; जानें हर रोज कितना हो रहा भुगतान

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India News: भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने नया इतिहास रच दिया है। मई 2025 में ₹25 लाख करोड़ के लेनदेन के साथ यूपीआई ने वीजा को पीछे छोड़ दिया। रोजाना 64-65 करोड़ लेनदेन के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम डिजिटल भुगतान सिस्टम बन गया। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इस उपलब्धि को भारत की डिजिटल ताकत बताया। छोटे व्यापारियों से लेकर आम लोग तक, सभी ने यूपीआई को अपनाया।

नौ साल में वैश्विक कीर्तिमान

2016 में शुरू हुआ यूपीआई अब भारत में 85% डिजिटल लेनदेन का हिस्सा है। मई 2025 में इसने 18.67 अरब लेनदेन किए, जो प्रति सेकंड 7,000 ट्रांजैक्शन के बराबर है। वीजा की 63.9 करोड़ दैनिक लेनदेन की तुलना में यूपीआई ने 65 करोड़ का आंकड़ा पार किया। यह भारत की तकनीकी प्रगति और वित्तीय समावेशन का प्रतीक है। छोटे-छोटे पेमेंट्स अब चुटकियों में हो रहे हैं।

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आम जनता की ताकत

यूपीआई ने भारत के छोटे शहरों और गांवों में डिजिटल भुगतान को आसान बनाया। किराना दुकानों से लेकर टैक्सी तक, ₹10 का लेनदेन भी बिना नकदी के हो रहा है। कोई शुल्क नहीं, कोई जटिलता नहीं। इससे आम लोग, छोटे व्यापारी और स्टार्टअप्स को तेजी से भुगतान का लाभ मिला। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया, जिसने लाखों लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा।

वैश्विक विस्तार की राह

यूपीआई अब भूटान, नेपाल, यूएई, फ्रांस, सिंगापुर, श्रीलंका और मॉरीशस में काम कर रहा है। एनपीसीआई 2029 तक इसे 20 देशों में ले जाना चाहता है। सिंगापुर के पे-नाउ के साथ एकीकरण से क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन आसान हुआ। भारतीय पर्यटक अब विदेश में क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान कर सकते हैं। यह भारत की डिजिटल ताकत को वैश्विक मंच पर ले जा रहा है। यूपीआई की यह यात्रा प्रेरणादायक है।

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चुनौतियां और सावधानियां

यूपीआई की सफलता के बावजूद साइबर फ्रॉड एक चुनौती है। आरबीआई और एनपीसीआई नई तकनीकों से इसे नियंत्रित करने में जुटे हैं। कुछ लोग कहते हैं कि भारत की बड़ी आबादी के कारण लेनदेन की संख्या ज्यादा है, जबकि वीजा 200 देशों में मौजूद है। फिर भी, यूपीआई की तेजी, कम लागत और उपयोगिता ने इसे वैश्विक स्तर पर बेहतर साबित किया। यह भारत के डिजिटल भविष्य का प्रतीक है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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