Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब कारखानों में महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। इसके लिए उनकी लिखित सहमति अनिवार्य होगी। नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को दोगुनी मजदूरी मिलेगी। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
नए नियमों के अनुसार, महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच नाइट शिफ्ट में काम कर सकती हैं। उनसे लिखित सहमति लेना जरूरी है। लगातार छह घंटे तक काम करने की अनुमति दी गई है। ओवरटाइम की सीमा बढ़ाकर प्रति तिमाही 144 घंटे कर दी गई है। इस ओवरटाइम का भुगतान दोगुनी दर से किया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था को बनाया गया मजबूत
महिलाओंकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। कारखानों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी अनिवार्य की गई है। परिसर में सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती भी जरूरी होगी। कार्य स्थल पर स्वास्थ्य सुविधाएं और रात में काम के बाद घर तक पहुंचने के लिए परिवहन की व्यवस्था करना नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी।
खतरनाक उद्योगों में भी काम कर सकेंगी महिलाएं
राज्य सरकार नेमहिलाओं के लिए काम के अवसरों का दायरा बढ़ाया है। अब वे सभी 29 प्रकार के खतरनाक श्रेणी के उद्योगों में कार्य कर सकती हैं। पहले यह सीमा केवल 12 श्रेणियों तक ही थी। इससे महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्हें अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।
महिला सुरक्षा में यूपी बना अग्रणी राज्य
उत्तर प्रदेश मेंमहिला सुरक्षा के मामले में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। महिला अपराधों के मामलों में दोषसिद्धि दर 71% तक पहुंच गई है। यह राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। राज्य में 44,000 से अधिक महिला पुलिस कर्मी तैनात हैं। यह देश का सबसे बड़ा महिला पुलिस बल है।
महिला हेल्पलाइन सेवाएं दिखा रहीं हैं प्रभाव
1090 महिलापावर लाइन और 112 एमरजेंसी सेवा ने महिला सुरक्षा को नई दिशा दी है। 1694 एंटी रोमियो स्क्वाड सक्रिय हैं। ये टीमें सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। 17 शहरों में सेफ सिटी प्रोजेक्ट चल रहा है। इसमें स्मार्ट स्ट्रीट लाइट और रैपिड रिस्पॉन्स सिस्टम शामिल है।
महिला शक्ति का बढ़ रहा है योगदान
राज्य मेंमहिला श्रम भागीदारी में निरंतर वृद्धि हो रही है। लगभग 36% महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इन्हें बैंकिंग सुविधा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिल रहा है।
कार्यस्थल पर समानता के अवसर
नए नियमोंसे महिलाओं को कार्यस्थल पर समान अवसर मिलेंगे। वे अपने करियर में आगे बढ़ सकेंगी। आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी। सुरक्षित माहौल मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह निर्णय राज्य की करोड़ों महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह नीतिगत परिवर्तन औद्योगिक विकास और श्रम सुधारों का हिस्सा है। इससे उद्योगों को उत्पादन आवश्यकता के अनुसार शिफ्ट निर्धारित करने में सहूलियत होगी। साथ ही महिला कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। यह संतुलित दृष्टिकोण राज्य के विकास में मददगार साबित होगा।
